बेंगलूरु। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने में अब एक वर्ष से भी कम समय रह गया है और दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा राज्य में अपना जनाधार मजबूत करने के लिए लगातार कोशिशें करने में लगे हैं। इसी क्रम में १२ अगस्त को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक के दौरे पर आ रहे हैं। दोनों नेताओं का एक ही दिन कर्नाटक पहुंचना कई मायनों में बेहद अहम है क्योंकि दोनों ही अपनी अपनी पार्टी के लिए भविष्य तलाशेंगे। राहुल गांधी अपने इस दौरे के दौरान रायचूर जिले में एक जनरैली को संबोधित करेंगे जबकि अमित शाह १२ से १४ अगस्त तक कर्नाटक का दौरा करेंगे। शाह सीधे बंेगलूरु पहुंचेंगे और उसके बाद अगले तीन दिनों तक कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। दरअसल कांग्रेस की रायचूर रैली का आयोजन ४ अगस्त को होना था लेकिन पूर्व मुुख्यमंत्री धरम सिंह के निधन के कारण कार्यक्रम को बढाकर १२ अगस्त किया गया है। रायचूर रैली के दौरान कांग्रेस के सभी ब़डे नेता, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्दरामैया, प्रदेश अध्यक्ष जी. परमेश्वर, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी केसी वेणुगोपाल आदि शामिल रहेंगे। कांग्रेस अपनी इस रैली के बहाने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने का संदेश देगी। हालांकि कांग्रेस की योजना रायचूर के बाद बेलगावी, मैसूरु और बेंगलूरु में भी इसी प्रकार की ब़डी रैली करने की है। यानी विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस राज्य के हर कोने में ब़डी रैलियां आयोजित करेगी। वहीं अमित शाह के तीन दिवसीय दौरे के दौरान सिर्फ इंडोर बैठकें होंगी। पार्टी ने अब तक सार्वजनिक रैली करने की किसी योजना को मूर्त रूप नहीं दिया है। माना जा रहा है कि शाह अपने इस दौरे के साथ राज्य में पार्टी की चुनावी रणनीति को अंजाम देंगे। विशेषकर मोदी सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने और राज्य की कांग्रेस सरकार की नाकामियों को उजागर करने पर ध्यान दिया जाएगा।
एक ही दिन कर्नाटक पहुंचेंगे राहुल और अमित शाह
एक ही दिन कर्नाटक पहुंचेंगे राहुल और अमित शाह