फिल्म कर्मचारी महासंघ की हड़ताल से 30 से अधिक फिल्मों की शूटिंग रुकी

फिल्म कर्मचारी महासंघ की हड़ताल से 30 से अधिक फिल्मों की शूटिंग रुकी

चेन्नई। दक्षिण भारत फिल्म कर्मचारी महासंघ (एफईएफएसआई) के सभी सदस्य अपनी विभिन्न मांगों के साथ मंगलवार से अनश्चितकालीन ह़डताल पर चले गए। इस ह़डताल के कारण तमिल फिल्म उद्योग के सामने एक गंभीर संकट पैदा हो गया है। रजनीकांत अभिनीत ‘काल्ला‘ और विजय अभिनीत ‘मर्सल’’ सहित लगभग ३७ फिल्मों की शूटिंग रुक गई है। महासंघ ने तमिलनाडु फिल्म प्रोड्यूसर परिषद (टीएफपीसी) से फिल्मों की शूटिंग के दौरान काम करने वाले तकनीशियनों और कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने सहित दो अन्य मांगें की थी। हालांकि फिल्म प्रोड्यूसर परिषद ने महासंघ की इन मांगों को मानने से इंकार कर दिया था जिसके बाद सोमवार को महासंघ ने आधिकारिक तौर पर मंगलवार से अनिश्चितकालीन ह़डताल पर जाने की घोषणा की थी।प्रय्रू्यट्टैंख् डत्र्ध्ह्र झ्द्य झ्फ्द्यय् द्यब्य् फ्स्त्रय्य्ट्टय्मंगलवार को तमिल फिल्मों की शूटिंग होने वाले सभी स्थानों पर सन्नाटा पसरा रहा। महासंघ के सदस्यों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने की संभावना को देखते हुए विभिन्न फिल्म स्टूडियो के निकट पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसी क्रम में फिल्म प्रोड्यूसर परिषद के अध्यक्ष और अभिनेता विशाल ने मंगलवार को इस मुद्दे पर पत्रकारों से कहा कि प्रोड्यूसर परिषद अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर चुकी है और हम अपने रुख में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एफईएफएसआई के सहयोग से या उसके सहयोग के बिना फिल्मों की शूटिंग जारी रखेंगे। सूत्रों के अनुसार जहां मंगलवार को ३७ फिल्मों की शूटिंग नहीं हुई वहीं अभिनेता विशाल ने चिदंबरम में अपनी आगामी फिल्म की शूटिंग की।फ्ष्ठत्प्द्ब्यह्लय् द्मष्ठ द्बब्य्फ्ैंच्चय् ·र्ैंर्‍ द्बय्ैंख्ह्र ·र्ैंह् ख्रह्ब्द्यय्द्भय्इसी क्रम में फिल्म प्रोड्यूसरों के एक वर्ग द्वारा ह़डताल कर रहे महासंघ के सदस्यों से अपनी ह़डताल वापस लेने के लिए भावनात्मक अपील भी की गई है। एफईएफएसआई के अध्यक्ष सेल्वमणि ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हमारी बस तीन मांगें हैं और जब तक हमारी इन मांगों को नहीं माना जाता है हमारी ह़डताल समाप्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान सिर्फ बातचीत द्वारा ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महासंघ के पास २५००० से अधिक सदस्य हैं और प्रोड्यूसर परिषद द्वारा पहले बने सहमति के अनुरुप फिल्म कर्मचारियों को पुनिरीक्षित वेतन देेने से मना करना गलत है।फ्द्य·र्ैंय्द्य फ्ष्ठ ब्डत्रूय्ष्ठझ् ·र्ैंर्‍ ब्ह् फ्·र्ैंत्रर्‍ ब्स् द्बय्ैंख्सेल्वमणि ने कहा कि महासंघ की ओर से इस समस्या का आपसी बातचीत से समाधान ढूंढने की पूरी कोशिश की गई लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। एफईएफएसआई के पास अब इस मामले में सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने की मांग करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है क्योंकि इसके कारण हजारों कर्मचारियों के समक्ष अपनी आजीविका अर्जित करने पर संकट मंडरा रहा है। भविष्य में एफईएफएसआई की ओर से रखी गई मांगों को प्रोड्यूसर परिषद द्वारा स्वीकार किए जाने का उदाहरण देते हुए सेल्वमणि ने कहा कि हम फिल्मों की शूटिंग बाधित नहीं कर रहे हैं प्रोड्यूसर ही हमें काम पर रखने के लिए तैयार नहीं हैं।एफईएफएसआई की ओर से फिल्म प्रोड्यूसर परिषद के समक्ष तीन मांगें रखी गई हैं। पहली मांग वेतन में बढोत्तरी करने की है, दूसरी मांग है कि फिल्म प्रोड्यूसर परिषद द्वारा बाहर के तकनीशियनों को नौकरी पर नहीं रखा जाए और तीसरी मांग यह है कि फिल्म निर्माण में कर्मचारियों से संबंधित सभी नियमों एवं कानूनों को लागू किया जाए।

About The Author: Dakshin Bharat