बेंगलूरु। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (एस) के राज्य अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजूभाई वाला से अपील की है कि वे राज्य सरकार को सूखी झीलों को गैर-अधिसूचित न करने का निर्देश दें। राज्यपाल को जारी एक पत्र, जिसकी प्रति मीडिया को जारी की गई, के अनुसार कुमारस्वामी ने आरोप लगाया है कि सूखी झीलों को गैर-अधिसूचित करने की सरकार की पहल एक असामाजिक निर्णय है जो पर्यावरण सहित लोक-नीति के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से कर्नाटक सूखे की मार झेल रहा है और इस वर्ष भी वर्षा असंतोषजनक है। राज्य की जनता पेयजल संकट से जूझ रही है और भूजलस्तर काफी नीचे चला गया है जिस कारण सिर्फ झीलें ही पानी के प्राथमिक स्रोत हैं। कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि सरकार ने १५०० सूखी झीलों को गैर-अधिसूचित करने का निर्णय लिया है जिस पर १९ अप्रैल को हुई मंत्रिमंडलीय बैठक में सहमति बनी थी। साथ ही इसी काम के लिए कर्नाटक भू राजस्व अधिनियम की धारा ६८ में संशोधन करने को भी स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव सभी संबंधित सरकारी विभागों से स्वीकृत हो चुका है। कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि रियल-एस्टेट माफिया के दबाव में सरकार ने यह कदम बढाया है जो किसान-विरोधी एवं असामाजिक प्रस्ताव है। कुमारस्वामी ने कहा कि मेरे पिता एचडी देवेगौ़डा जब राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री थे जब उन्होंने वर्ष-१९८५ में आईएएस अधिकारी एन. लक्ष्मण राव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी जिसने झीलों के संरक्षण एवं झील भूमि पर अतिक्रमण को देखने का काम किया था। इसकी रिपोर्ट में समिति ने स्पष्ट रूप से सुझाव दिया था कि सरकार को किसी भी परिस्थिति में झील भूमि पर वाणिज्यिक या आवासीय प्रतिष्ठानों के निर्माण की अनुमति नहीं देनी चाहिए। समिति ने यह भी सुझाव दिया था कि सूखी झीलों का उपयोग पार्कों या इसी प्रकार के समान प्रतिष्ठानों के निर्माण के लिए किया जाना चाहिए जो जनता के लिए फायदेमंद हों। हालांकि मौजूदा सरकार इससे उलट जाकर सूखी झीलों को रियल एस्टेट के फायदे के लिए गैर-अधिसूचित करने की तैयारी में है।
राज्यपाल को राज्य सरकार को निर्देश देना चाहिए : कुमारस्वामी
राज्यपाल को राज्य सरकार को निर्देश देना चाहिए : कुमारस्वामी