बेंगलूरु। बेंगलूरु मेट्रो रेल परियोजना में हिन्दी थोपने को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने केन्द्र सरकार से राज्य के लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाओं और भावनाओं का सम्मान करने तथा मेट्रो में हिन्दी का उपयोग नहीं करने का अनुरोध किया है। शहरी विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में सिद्दरामैया ने यह बात कही है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार की भाषा नीति के अनुसार केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रुप से अनुदानित किसी भी सार्वजनिक सेवा में सिर्फ कन्ऩड और अंग्रेजी का उपयोग किया जा सकता है। मेट्रो परियोजना में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा समान रुप से पैसा लगाया गया है और इसमें राज्य सरकार का हिस्सा अधिक है।मेट्रो स्टेशनों पर और मेट्रो ट्रेनों में हिन्दी का उपयोग करने के कारण हुए विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति गंभीर होती जा रही है और कुछ कार्यकर्ताओं ने मेट्रो स्टेशन के बोर्डों को बदरंग करने की भी कोशिश की है लेकिन राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए ऐसे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क़डी कार्रवाई की है। हालांकि मेट्रो अधिकारियों द्वारा मेट्रो के साइनबोर्ड में कन्ऩड और अंग्रेजी के साथ ही यदि हिन्दी का उपयोग करने पर जोर दिया जाता है तो स्थिति और भी बिग़ड सकती है इसलिए कर्नाटक सरकार को मेट्रो अधिकारियों को मेट्रो के साइन बोर्डों में सिर्फ कन्ऩड और अंग्रेजी का उपयोग करने का निर्देश देने पर बाध्य होना प़ड रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यह बताना चाहूंगा कि केन्द्र सरकार द्वारा मेट्रो में त्रिभाषा फॉर्मूले का उपयोग करना उचित नहीं है। इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा मेट्रो परियोजना की ढांचागत सुविधाओं के लिए ५० प्रतिशत कोष देने के साथ ही संचालन के निरीक्षण और बेंगलूरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सुरक्षा देने में योगदान दिया जा रहा है। इसलिए इसमें राज्य सरकार की नीतियों का पालन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाएं और भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही राज्य की भाषा को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सिद्दरामैया ने नम्मा मेट्रो में हिन्दी थोपने का विरोध किया
सिद्दरामैया ने नम्मा मेट्रो में हिन्दी थोपने का विरोध किया