विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात

विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात

चेन्नई। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व में विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) द्वारा अपने १९ विद्रोही विधायकों को हटाने की मांग करने के कारण पलानीसामी सरकार के बहुमत में कमी आई है इसलिए वह मुख्यमंत्री पलानीसामी को विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दें। प्रतिनिधिमंडल में द्रमुक और इसके सहयोगी पार्टियां कांग्रेस और भारतीय संघ मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) शामिल थी।द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन द्वारा राज्यपाल से मुख्यमंत्री को विधानसभा सत्र बुलाने और अपना बहुमत साबित करने के अनुरोध करने के चार दिनों बाद इन विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की। विधानसभा में द्रमुक के उपनेता दुरैमुरुगन ने राज्यसभा सदस्य एमएस कनिमोझी के साथ प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इन दोनों नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और वर्तमान राजनीतिक स्थिति से उन्हें अवगत कराया।बाद में पत्रकारों से बातचीत में दुरैमुरुगन ने कहा कि राज्यपाल ने कानून के अनुसार कदम उठाने का वादा किया है। दुरैमुरुगन ने कहा कि पलानीसामी सरकार एक ’’अल्पमत’’ सरकार रह गई है क्योंकि इसे केवल ११३ विधायकों का समर्थन ही प्राप्त है जो कि साधारण बहुमत से पांच कम है। उन्होंने कहा कि २३४ विधायकों की कुल संख्या में पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के बाद एक सीट खाली हो गई थी। शेष २३३ सीटों में विपक्ष के पास कुल मिलाकर ९८ सीटें हैं जिसमें द्रमुक की ८९, कांग्रेस की ८ और आईयूएमएल की एक सीट शामिल है। उन्होंने बताया कि पलानीसामी से अलग हो चुके टीटीवी दिनाकरन गुट के पास २२ विधायक हैं, जिनमें से १९ विधायकों ने राज्यपाल को अपना समर्थन वापस लेने के लिए पत्र पहले ही सौंप दिया है। इन विधायकों ने २२ अगस्त को सत्ता साझेदारी के समझौते के साथ मुख्यमंत्री पलानीसामी और उनके पूर्ववर्ती ओ पन्नीरसेल्वम गुटों के विलय की घोषणा के एक दिन बाद राज्यपाल को सरकार से समर्थन वापस लेने का ज्ञापन सौंप दिया था।उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि पलानीसामी सरकार के पास मात्र ११३ विधायकों का ही समर्थन प्राप्त है जबकि साधारण बहुमत के लिए किसी भी पार्टी के पास ११८ विधायकों का समर्थन होना चाहिए। दुरैमुरुगन ने कहा कि एक ऐसी सरकार जोकि अल्पमत में आ चुकी है उसे सरकार में बने नहीं रहना चाहिए। अगर राज्यपाल एक निर्धारित समय में कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो हमारे पास राज्यपाल से मुलाकात करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा। इसके आगे द्रमुक द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछे जाने पर दुरैमुरुगन ने कहा कि इस संबंध में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन पार्टी कार्यकारिणी की बैठक या विधायिका दल की बैठक में निर्णय लेंगे।पत्रकारों से बातचीत में दुरैमुरुगन ने कहा कि राज्यपाल ने कानून के अनुसार कदम उठाने का वादा किया है। दुरैमुरुगन ने कहा कि पलानीसामी सरकार एक ‘अल्पमत’ सरकार रह गई है क्योंकि इसे केवल 113 विधायकों का समर्थन ही प्राप्त है जो कि साधारण बहुमत से पांच कम है।

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