स्टालिन ने राज्यपाल से कहा,मुख्यमंत्री से विश्वासमत प्राप्त करने को कहें

स्टालिन ने राज्यपाल से कहा,मुख्यमंत्री से विश्वासमत प्राप्त करने को कहें

चेन्नई। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम ने राज्य के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव से अनुरोध किया है कि वह तत्काल राज्य के मुख्यमंत्री ईके पलानीसामी को राज्य विधानसभा में विश्वासमत साबित करने के लिए कहें क्योंकि सत्तारुढ पार्टी के १९ विधायकों ने विद्रोह कर दिया है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा है कि अगर राज्यपाल मुख्यमंत्री को विश्वासमत साबित करने के लिए कहने में देरी करते हैं तो राज्य में विधायकों की खरीदोफरोख्त हो सकती है। स्टालिन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर यह बात कही है। उन्होंने पलानीसामी सरकार को एक अल्पमत की सरकार भी बताया।शनिवार को उन्होंने एक बयान जारी कर राज्य विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठाया है जिन्होंने सरकार के प्रमुख व्हिप द्वारा विद्रोह करने वाले १९ विधायकों को अयोग्य घोषित करने संबंधी ज्ञापन सौंपे जाने के बाद इन विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। अपने नोटिस में विधानसभा अध्यक्ष ने इन १९ विधायकों से इस बात का जवाब देने के लिए कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उन्हें अयोग्य क्यों नहीं करार दिया जाए? स्टालिन ने कहा है कि उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर इस बात का अनुरोध किया है कि वह पलानीसामी को विधानसभा के पटल पर विश्वासमत साबित करने के लिए कहें।द्रमुक नेता ने कहा कि राज्यपाल को तुंरत विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश देना चाहिए ताकि सरकार की मौजूदा मजबूती का पता किया जा सके। जब दिनाकरण के समर्थकों ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद से तुरंत हटाने का अनुरोध किया है तो राज्यपाल मुख्यमंत्री को विश्वासमत साबित करने के लिए कहने में विलंब क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि राज्यपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पलानीसामी दल-बदल कानून का दुरुपयोग कर और एक संवैधानिक संकट पैदा कर सरकार में बने नहीं रह सकंें। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा १९ विद्रोही विधायकों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में स्टालिन ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को एक ऐसी गतिविधि के लिए नोटिस जारी किया है जो विधानसभा से बाहर घटित हुई है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अभी तो पलानीसामी के खिलाफ आवाज उठाने वाले इन १९ विधायकों को तो नोटिस जारी कर दिया है लेकिन इसी वर्ष फरवरी महीने में पलानीसामी के समर्थन में विश्वासमत पारित होने के दौरान मौजूदा उप-मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम और उनके समर्थकों द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ वोट देने पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी। स्टालिन ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से की गई इस कार्रवाई से यह साफ जाहिर होता है कि उन्होंने यह कार्रवाई राज्य की अल्पमत पन्नीरसेल्वम सरकार को बचाने के लिए की है। मौजूदा समय में राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को विश्वासमत साबित करने के लिए कहने में जितने दिन विलंब करेंगे उतना ही विधायकों की खरीदोफरोख्त का मार्ग प्रशस्त होगा। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा १९ विधायकों को नोटिस जारी करने के बाद इन विधायकों ने कहा है कि यह सुनियोजित नाटक है और उन्हें धमकाने के लिए जारी किया गया है।शनिवार को स्टालिन ने एक बयान जारी कर राज्य विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठाया है जिन्होंने सरकार के प्रमुख व्हिप द्वारा विद्रोह करने वाले 19 विधायकों को अयोग्य घोषित करने संबंधी ज्ञापन सौंपे जाने के बाद इन विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।

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