चेन्नई। द्रमुक ने नीट मुद्दे पर केंद्र की भाजपा नीत सरकार और तमिलनाडु की सत्तारू़ढ अन्नाद्रमुक को आज आ़डे हाथ लिया और उन पर राज्य के हजारों मेडिकल उम्मीदवारों, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के छात्रों से विश्वासघात करने का आरोप लगाया। द्रमुक ने इस मुद्दे पर यहां एक आंदोलन का नेतृत्व किया जिसमें कई पार्टियां शामिल हुई। दरअसल, दो दिन पहले ही केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि यह हाल ही में तमिलनाडु द्वारा पारित उस अध्यादेश का समर्थन नहीं करती है जिसके तहत उसे इस साल की राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) के दायरे से बाहर रखा गया है।न्यायालय ने राज्य सरकार से राज्य में नीट की मेधा सूची के आधार पर एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के लिए दाखिले की काउंसलिंग करने तथा चार सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी करने को कहा था। प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए यहां द्रमुक के कार्यकारी प्रमुख एवं विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने कहा कि नीट को पेश करने से हजारों ग्रामीण छात्रों के साथ विश्वासघात हुआ है जो मेडिकल पाठ्यक्रमों में शामिल होने की आकांक्षा रखते हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु द्वारा अपने अधिकारों को केंद्र के पास गिरवी रख देने के मद्देनजर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। स्टालिन ने कहा कि छात्रों के सपने किस तरह दफन कर दिए गए। केंद्र की भाजपा और तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक ने ऐसा किया। प्रदर्शन में द्रमुक की सहयोगी कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीसीके और एमएमके शामिल हुई। उन्होंने कहा कि नीट लागू करने की भाजपा नीत सरकार का कदम सामाजिक न्याय को प्रभावित करेगा। इससे तमिलनाडु की आरक्षण नीति भी प्रभावित होगी।स्टालिन ने कल राज्य सरकार द्वारा जारी की गई नीट मेधा सूची को लेकर रोष जाहिर किया और कहा कि शीर्ष २० छात्रों में सिर्फ पांच ही राज्य बोर्ड से हैं जबकि कई अन्य छात्र दूसरे राज्यों से हैं।
मेडिकल उम्मीदवारों के साथ विश्वासघात हुआ : स्टालिन
मेडिकल उम्मीदवारों के साथ विश्वासघात हुआ : स्टालिन