येड्डीयुरप्पा ने जवाब देने के लिए एसीबी से मांगा 10 दिनों का समय

येड्डीयुरप्पा ने जवाब देने के लिए एसीबी से मांगा 10 दिनों का समय

बेंगलूरु। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येड्डीयुरप्पा ने भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले में नोटिस का जवाब देने के लिए दस दिनांे का समय मांगा है। येड्डीयुरप्पा के मुख्यमंत्रित्वकाल में कथित रूप से नियमों के विपरीत जाकर हुए भूमि डिनोटिफिकेशन मामले में एसीबी ने दो दिनांे पूर्व ही उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। शनिवार को एसीबी को जारी पत्र में येड्डीयुरप्पा ने कहा कि मुझे उपस्थित होने के लिए सिर्फ दो दिनों का समय दिया गया है। मेरे अनुरोध पर आपने कल शिकायत और एफआईआर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के साथ मुझे प्रतियां भेजी हैं। हालांकि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कई दस्तावेजों का उल्लेख है लेकिन मुझे कोई भी दस्तावेज नहीं मिला है। येड्डीयुरप्पा ने एसीबी को कहा है कि राज्य के विभिन्न विभागों से आरटीआई के माध्यम से मैं मामले से संबद्ध सभी आवश्यक विवरण हासिल करने की कोशिश कर रहा हूं। इसलिए मैं आपको सभी तथ्यों को इकट्ठा करने और आपके समक्ष पेश होने के लिए १० दिन का समय देने के लिए अनुरोध करता हूं ताकि उपरोक्त मामले की जांच के सिलसिले में मैं सभी प्रश्नों का उत्तर देने की स्थिति में रहूं। इस बीच शनिवार को येड्डीयुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए उनके खिलाफ एसीबी द्वारा दर्ज दो नई एफआईआर को निरस्त करने की अपील की। येड्डीयुरप्पा की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि जमीन अधिसूचना रद्द करने संबंधी ताजा एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध के तहत हैं जो पूरी तरह से निराधार हैं, इसलिए इन्हें रद्द कर दिया जाना चाहिए।जन सामान्यारा वेदिके के अध्यक्ष और निजी विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ डी अयप्पा की शिकायत के बाद एसीबी ने येड्डीयुरप्पा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और उनके मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान जमीन की अधिसूचना रद्द करने के मामले में पूछताछ के लिए एसीबी के समक्ष पेश होने के लिए उन्हें नोटिस जारी किया है। यह प्राथमिकी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा ७,८,१३(१)(सी)(डी) और भारतीय दंड संहिता की धारा ४०६,४२० एवं १२० (बी) के तहत दर्ज की गई है। डॉ अयप्पा ने आरोप लगाया है कि येड्डीयुरप्पा के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान बेंगलूरु में डॉ शिवराम कारंत लेआउट में जमीन की अधिसूचना रद्द करने के लिए २० आदेश पारित किए गए। अयप्पा ने यह भी आरोप लगाया है कि येड्डीयुरप्पा ने अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया और बिना अधिसूचना समिति की इजाजत लिए २५७ एक़ड और २०.५ गुंटा जमीन की अधिसूचना रद्द की। एसीबी ने एफआईआर में कुछ बीडीए अधिकारियों के नाम भी शामिल किए हैं।

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