केन्द्रीय फंड पर अमित शाह को सिद्दरामैया से सवाल पूछने का अधिकार : सदानंद

केन्द्रीय फंड पर अमित शाह को सिद्दरामैया से सवाल पूछने का अधिकार : सदानंद

कुंडापुरा। केन्द्र द्वारा कर्नाटक को उपलब्ध कराए गए फंड पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर की गई टिप्पणी पर मुख्यमंत्री सिद्दरामैया द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर केन्द्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौ़डा ने गुरुवार को आपत्ति जताते हुए कहा कि मैं इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को बहस की चुनौती देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं सिद्दरामैया को इस मुद्दे पर बहस के लिए एक मंच पर आने की चुनौती देता हूं। मैं उन्हें साक्ष्यों के साथ दिखाऊंगा कि केन्द्र सरकार ने कर्नाटक सरकार को कितना फंड उपलब्ध कराया है। सदानंद गौ़डा ने कहा कि अगर अमित शाह द्वारा दिए गए बयान में विसंगतियां पाई गई तो मैं राजनीति त्याग दूंगा। उन्होंने सवाल किया कि अगर शाह का बयान सही रहा तो क्या सिद्दरामैया राजनीति छो़ड देंगे? अनेगुड्डे मंदिर में विशेष पूजा करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए सदानंद गौ़डा ने कहा कि सिद्दरामैया सवाल करते हैं कि शाह किस अधिकार से राज्य सरकार से फंड का विवरण मांगते हैं, सिद्दरामैया को यह जानना चाहिए कि देश के प्रत्येक नागरिक का अधिकार है कि वह देश के विकास के बारे में जाने। उन्होंने कहा कि सिद्दरामैया छोटी सोच की राजनीति करते हैं जिस कारण कर्नाटक की स्थिति दयनीय हो गई है। उन्होंने कहा, अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। भाजपा केंद्र की सत्ता में है। इसलिए, उनके पास सिद्दरामैया से सवाल करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में चुनाव कुछ महीनों में होंगे। यह कहा जाता है कि चिराग बुझ जाने से पहले ही उसकी लौ अधिक होती है, वैसी ही हालत सिद्दरामैया की है। द्मंश्च द्मर्‍्यत्र फ्ष्ठ र्द्बर्‍ख्रप्य्द्यह्र ·र्ैंय् घ्द्भद्मविधानसभा चुनाव-२०१८ में भाजपा उम्मीदवारों के चयन के सवाल पर सदानंद गौ़डा ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन मंे नई नीति अपनाई जाएगी। नए चेहरे और वे लोग जनता की सेवा में भरोसा करते हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इन सभी मुद्दों पर २६ अगस्त को होने वाली कोर कमेटी बैठक में चर्चा की जाएगी। बैठक में उम्मीदवरों के चयन, संगठन को सशक्त करने सहित कई कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।उन्होंने सवाल किया कि अगर शाह का बयान सही रहा तो क्या सिद्दरामैया राजनीति छोड़ देंगे?

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