सिद्दरामैया पर यदुवीर का बुद्धिमता वाला पलटवार

सिद्दरामैया पर यदुवीर का बुद्धिमता वाला पलटवार

मैसूरु। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया के एक बयान पर पलटवार करते हुए मैसूरु वाडेयार राजपरिवार के युवराज यदुवीर ने शनिवार को कहा कि मैसूर की जनता ने वाडेयार राजाओं की बहुत प्रशंसा की है और उन्हें भगवान की तरह सम्मानित किया है जो विशुद्ध रूप से भावनात्मक रहा है। हालांकि उन्होंने सिद्दरामैया का नाम नहीं लिया और महाराजा नाम लेकर सिद्दरामैया द्वारा की गई टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार करते हुए कहा कि किसी को भी वाडेयार राजपरिवार पर प्रत्यक्ष या परोक्ष टिप्पणी करने के पहले पूर्ववर्ती राजाओं के लिए मैसूरु की जनता के भावनात्मक बंधन से उत्पन्न होने वाले प्यार और प्रशंसा पर विचार करना चाहिए। सिद्दरामैया ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि महाराजाओं का कथन वेद वाक्य (तानाशाही वाले फरमान की भांति) होते थे लेकिन हम (लोकतंत्र मंे निर्वाचित प्रतिनिधि) महाराजाओं के जैसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि जनता हमसे सवाल करती है। उन्हांेने कहा था कि कोई भी महाराजा से सवाल नहीं पूछता था और लोगों में महाराजा के प्रति बेहद सम्मान होता था लेकिन अगर हम काम नहीं करेंगे तो जनता हमसे सीधे सवाल करेगी। सिद्दरामैया यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा था कि महाराजा ने जनता के पैसे से मार्केट का निर्माण कराया न कि महाराजा ने अपनी जेब से कोई पैसा खर्च किया था। महाराजा खुद में एक सरकार होते थे जिनसे कोई सवाल नहीं होता था। उससे उलट हम निर्वाचित प्रतिनिधि हैं जबकि महाराजा शासक थे। यदुवीर ने सिद्दरामैया की टिप्पणी पर बेहद बुद्धिमानी से पलटवार करते हुए यह बताने की कोशिश कर दी कि मैसूरु महाराजाओं और मैसूरु की जनता में जो भावनात्मक संबंध सदियों से जु़डा है उस पर सवाल नहीं करना चाहिए। एक सवाल के जवाब में यदुवीर ने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि नागरिकों की राय लेने के बाद राजेन्द्र श्री की प्रतिमा की स्थापना किस प्रकार की जाती है। दशहरा महोत्सव पर यदुवीर ने सुझाव देते हुए कहा कि जिला प्रशासन को चाहिए कि वह इस वर्ष के दशहरे को क्लीन दशहरा के रूप में मनाया।सिद्दरामैया ने कहा था, महाराजा से कोई सवाल नहीं करता था, हमसे जनता सवाल करती है

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