राज्यपाल से पलानीस्वामी को बहुमत साबित करने के निर्देश का किया आग्रह

राज्यपाल से पलानीस्वामी को बहुमत साबित करने के निर्देश का किया आग्रह

चेन्नई। पीएमके नेता एस रामदास ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से पलानीस्वामी को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को विधानसभा की बैठक में शामिल करने और राज्य में मौजूदा राजनीतिक उठापटक को समाप्त करने के लिए वह उनकी सरकार की बहुमत साबित करने के लिए कहें। यहां एक बयान में रामदास ने तमिलनाडु में राजनीतिक उठापटक के लिए राज्यपाल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यदि राज्यपाल पलानीस्वामी को विधानसभा बुलाने और बहुमत साबित करने के लिए निर्देश दें तो भी राज्य में राजनीतिक उठापटक कभी भी कम नहीं होगी। अम्मा के समर्थक और अन्नाद्रमुक के १९ विधायक टीटीवी दिनाकरण से २२ अगस्त को मिले थे और उनसे कहा कि हमने मुख्यमंत्री में विश्वास खो दिया है इसलिए उन्होंने समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल १९ विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री से समर्थन वापस लेने के संबंध में निर्णय लेने में असमर्थता जाहिर की है जो चयनित सदस्यों को व्यक्तिगत पत्रों को प्रस्तुत करने के २४ दिनों के बाद भी मौजूदा ग़डब़डी का मुख्य कारण है। उन्होंने अफसोस जताया कि दिनकरन के २१ समर्थक विधायकों ने पलानीस्वामी से अपना समर्थन वापस ले लिया है और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लौटने और लोगों से मिलकर उनकी शिकायतों को हल करने के बजाय पुडुचेरी के रिसॉर्ट्स और कर्नाटक में कुर्ग में जमे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पुलिस, जो कि राज्य में हत्याएं और चोरी के मामले हल करने में असमर्थ है, कुर्ग में उस रिसोर्ट में असंतुष्ट विधायकों की सेवा में लगी है। उन्होंने कहा कि दिनकरन के समर्थक विधायक वी. संेथिल बालाजी ने पलानीस्वामी सरकार को समर्थन देने से इंकार करने पर खुलेआम पुलिस अधिकारियों पर असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ ’’झूठे मामलों’’ का सामना करने और उन्हें जेल में डालने की धमकी देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि एकीकृत अन्नाद्रमुक पार्टी और दिनकरन के खेमे के बीच चल रहे संघर्ष को पार्टी में दो गुटों के बीच ल़डाई के तौर पर नहीं कहा जा सकता।

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