शहर में डेंगू और इंफ्लूएंजा के मामलों में बढे

शहर में डेंगू और इंफ्लूएंजा के मामलों में बढे

चेन्नई। चेन्नई और इसके आसपास के स्थानों में डेंगू और जानलेवा इंफ्लूएंजा के मिश्रित लक्षणों वाली बीमारी के फैलने के कारण काफी संख्या में बीमार लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अस्पतालों ने इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए पीि़डत लोगों को अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया है। संक्रामक रोकों के विशेषज्ञों के अनुसार पिछले कुछ दिनों में शहर में इंफ्लूएंजा के संक्रमण का शिकार होकर मरने वाले लोगांें की संख्या में बढोत्तरी हुई है। हालांकि इस बीमारी से कितने लोगों की मौतें हुई हैं परन्तु इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।रविवार को तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में इंफ्लूएंजा से पीि़डत चार लोगों की मौतें होने की जानकारी मिली है। तमिलनाडु में जिन दो इंफ्लूएंजा पीि़डत बच्चों की मौत हुई है उनमें ३ वर्षीय जॉय बेनेटा और ६ वर्षीय संजना शामिल है। इसके साथ ही पांच मरीजों की मौत डेंगू के कारण हुई है। डेंगू से हुई मौत की जांच लोक स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा की जा रही है। लोक स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से चेन्नई, तिरुवल्लूर कांचीपुरम, कूड्डलूर और तंजावूर जिले को डंेगू से प्रभावित जिला घोषित कर दिया है। बेनेटा की मौत शनिवार को किलपॉक मेडिकल कॉलेज में हुई। वहीं आंध्रप्रदेश की नेल्लूर की रहने वाली संजना को पांच दिन पहले एग्मोर स्थित बाल स्वास्थ्य संस्थान में भर्ती कराया गया था जहां पर उसने शनिवार की रात दम तो़ड दिया। इस सप्ताहांत की लंबी छुट्टियों के दौरान पिछले कुछ दिनों में राज्य भर में डेंगू के ११,००० मामले सामने आए हैं और इनमें से १,५०० मामले सिर्फ राजधानी चेन्नई के विभिन्न इलाकों में सामने आए हैं। चेन्नई में एग्मोर स्थित बाल स्वास्थ्य संस्थान में बुखार, चक्कर और बदन दर्द की शिकायत के साथ २० मरीजों को भर्ती कराया गया है। इन मरीजों में डेंगू संक्रमण पाया गया है। इसी प्रकार से राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में १५ और किलपॉक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डेंगू से पीि़डत १५ मरीजों को भर्ती कराया गया है। लोक स्वास्थ्य निदेशालय के निदेशक डॉ के कोलंदैस्वामी ने इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अभी तक २०० ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। निदेशालय की ओर से डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वह इन सभी मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध करवाएं।

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