द्रमुक पिछले दरवाजे से कर रही सत्ता में आने की कोशिश : राधाकृष्णन

द्रमुक पिछले दरवाजे से कर रही सत्ता में आने की कोशिश : राधाकृष्णन

चेन्नई। केंद्रीय वित्त और जहाजरानी राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर चुटकी लेते हुए हुए कहा है कि द्रमुक पिछले दरवाजे से सत्ता हासिल करने के लिए रणनीति तैयार करने में लगी हुई है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन लगातार मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीस्वामी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कह रहे हैं ताकि उन्हें पिछले दरवाजे से राज्य की सत्ता पर काबिज होने का कोई मौका मिल जाए। मंत्री ने कहा कि द्रमुक नेता पिछले दरवाजे से राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए एक के बाद एक कई प्रकार की रणनीतियां अपना रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं लग रहा कि वह इसमें सफल हो पाएंगे।राधाकृष्णन ने द्रमुक द्वारा राज्य में नवोदय विद्यालयों की स्थापना का विरोध करने के बारे में कहा कि यदि तमिलनाडु में नवोदय विद्यालयों को खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है तो ऐसे सभी निजी स्कूलों को भी बंद करा दिया जाना चाहिए जो अपने यहां तमिल भाषा की शिक्षा को प्रोत्साहित नहीं करते। उन्होंने कहा कि द्रमुक को इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह राज्य के विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने से जु़डा मुद्दा है। अगर राज्य में नवोदय विद्यालय खुलते हैं तो गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा नि:शुल्क प्राप्त हो सकेगी।इसी क्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ तमिलसै सौंदरराजन ने राज्य सरकार से वन मंत्री डिंडीगुल सी श्रीनिवासन द्वारा राज्य की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के संबंध में और उनके अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान दिए गए बयान के बारे में स्पष्टीकरण देने का अनुरोध किया है। हाल ही में डिंडिगल श्रीनिवासन ने कहा था कि वह लोगों से इस बात के लिए माफी मांगते हैं कि उन्होंने जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनसे मुलाकात करने की बात कही थी। श्रीनिवासन ने कहा था कि किसी भी मंत्री को जयललिता से मुलाकात करने की अनुमति नहीं दी गई थी और उन्हें झूठ बोलने के लिए बाध्य किया गया था। सौंदरराजन ने कहा कि सरकार को अब इस मामले की जांच के लिए बिना देर किए गए जांच आयोग का गठन करना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनसे मिली थी तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी इस बात का दु:ख है कि वह जयललिता से नहीं मिल पाईं थी।

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