बेंगलूरु। राज्य सरकार के एक ताजा आदेश के अनुसार राज्य में निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को कर्नाटक प्राइवेट मेडिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण कराने के लिए अब नगर निगमों से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने शनिवार को यह आदेश जारी किया जिसके बाद अब नए स्थापित होने वाले क्लिनिक, नर्सिंग होम, अस्पताल और डोयनोस्टिक केन्द्र बिना ट्रेड लाइसेंस के चल सकते हैं। साथ ही मौजूदा समय में स्थापित स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों को हर पांच वर्ष पर लाइसेंस का नवनीनीकरण भी नहीं कराना होगा, जैसा अब तक हो रहा था। एक सप्ताह पहले ही निजी अस्पताल संगठनों ने मुख्यमंत्री सिद्दरामैया को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें कहा गया था कि ट्रेड लाइसेंस समाप्त कर दिया जाना चाहिए। निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम्स् एसोसिएशन (पीएचएएनए) अध्यक्ष डॉ मदन गायकवा़ड ने ज्ञापन में कहा था कि अस्पताल कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं चलाते हैं बल्कि वे समाज की सेवा के लिए कार्यरत हैं। उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा था कि देश के कुछ अन्य राज्यों में भी मेडिकल एस्टाब्लिशमेंट को ट्रेड लाइसेंस से बाहर रखा गया है। ज्ञापन में कहा गया था कि जब कर्नाटक में एमएसएमई श्रेणी के उद्योगों को ट्रेड लाइसेंस से बाहर रखा गया है तब मेडिकल एस्टाब्लिशमेंट को ट्रेड लाइसेंस के तहत रखने का कोई कारण नहीं होना चाहिए। शनिवार का आदेश बताता है कि अस्पतालों को जल और वायु प्रदूषण अधिनियम का पालन करते हुए पर्यावरण प्रभाव निर्धारण संबंधी नोटिफिकेशन जारी करने सहित बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का पालन करना और कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अनुमोदित जैव चिकित्सा कचरा उपचार सुविधा के साथ समझौता ज्ञापन की एक प्रति देनी होगी। साथ ही बीबीएमपी यह जांच करेगी कि मेडिकल एस्टाब्लिशमेंट जिस क्षेत्र में है वह वाणिज्यिक क्षेत्र है न कि आवासीय क्षेत्र। साथ ही राज्य के अन्य क्षेत्रों में जो संस्थान केपीएमई के अंतर्गत पंजीकृत हैं उन्हें भी कचरा प्रबंधन नियम, ई-कचरा प्रबंधन के लिए उन्हें भी परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड से अनुमोदन प्राप्त करने सहित अन्य प्रकार के लाइसेंस प्राप्त करने होंगे और कई अन्य प्राधिकरणों से अनुमोदन प्राप्त करना होगा। बीबीएमपी का कहना है कि पहले ट्रेड लाइसेंस जारी करने के पूर्व हम मकान मालिकों की सहमति और प़डोसियों की सहमति लेते थे। साथ ही भौतिक निरीक्षण के दौरान अगर हमें जैव-चिकित्सा संबंधी कचरे के साथ सामान्य कचरे का मिश्रण मिलता था तो हम उल्लंघन के लिए दंड लगाते थे। चूंकि अब जब ट्रेड लाइसेंस खत्म कर दिया गया है तब हम सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में इस प्रकार के उल्लंघन पर नजर रखेंगे।
स्वास्थ्य सुविधाओं को अब ट्रेड लाइसेंस की जरुरत नहीं
स्वास्थ्य सुविधाओं को अब ट्रेड लाइसेंस की जरुरत नहीं