चेन्नई। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के एक वर्ष बाद भी उनकी मौत से जु़डा रहस्य बरकरार है। अब राज्य के एक मंत्री द्वारा दिए गए बयान के बाद यह रहस्य एक बार फिर से गहरा गया है। जयललिता की मौत के बारे में राज्य के वन मंत्री डिंडिगल श्रीनिवासन के बयान के बार राज्य की विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक)के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेशाध्यक्ष तमिलसै सौंदरराजन ने जयललिता की मौत की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच की मांग की है।शुक्रवार की रात मदुरै में एक बैठक में वन मंत्री डिंडीगुल सी श्रीनिवासन ने कहा कि उन्होंने पहले यह कहा था कि जयललिता के अस्पताल में रहने के दौरान उनकी जयललिता से मुलाकात हुई थी लेकिन वह इस बात के लिए राज्य की जनता से माफी चाहते हैं क्योंकि जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन्होंने कभी भी उनसे मुलाकात नहीं की। श्रीनिवासन ने कहा कि वह अपने इस झूठे बयान के लिए राज्य के लोगों से माफी मांगते हैं। श्रीनिवासन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान शशिकला के परिवार के सदस्यों को छो़डकर किसी भी अन्य व्यक्ति को उनके पास जाने की अनुमति नहीं थी।डिंडिगल श्रीनिवासन के इस बयान पर फिलहाल कर्नाटक के कुर्ग में अपने समर्थक विधायकों के पास मौजूद दिनाकरण ने शनिवार को इन आरोपों का खंडन किया। दिनाकरण ने कहा कि डिंडिगल श्रीनिवासन की ओर से लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि शशिकला भी जयललिता से अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान नहीं मिली थी। श्रीनिवासन पर बरसते उन्होंने कहा कि मंत्री सत्ता में रहने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान का सीसीटीवी क्लीप है और जरुरत होने पर वह जांच समिति को यह वीडियो उपलब्ध करवाएंगे।स्टालिन ने इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को कहा कि जयललितिया की मृत्यु की जांच तुरंत शुरू होनी चाहिए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष तमिलसै सौंदराजन ने भी यह मांग की है। ज्ञातव्य है कि कुछ दिनों पहले ही, श्रीनिवासन ने आरोप लगाया था कि जयललिता की मौत के लिए शशिकला परिवार जिम्मेदार है। जयललिता के अपोलो अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि शशिकला ही अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री की देखरेख कर रही थी।श्रीनिवासन ने कहा था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव सहित अन्य शीर्ष नेताओं को अम्मा (जयललिता) से मिलने से यह कहते हुए रोक दिया कि अगर यह नेता उनसे मिलते हैं तो वह संक्रमण की शिकार हो सकती हैं। श्रीनिवासन ने कहा कि राज्य के लोग पहले ही यह घोषित कर चुके हैं कि उन्हें अपनी अम्मा के हत्यारों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा था कि सिर्फ शशिकला और उसका परिवार ही जयललिता की मौत के लिए जिम्मेदार है और यही कारण है कि हमने पार्टी की महासभा और कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाकर उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया है।
एक बार फिर से जयललिता की मौत का रहस्य गहराया
एक बार फिर से जयललिता की मौत का रहस्य गहराया