केएसओयू की मान्यता बहाली के लिए जावड़ेकर से हस्तक्षेप की मांग

केएसओयू की मान्यता बहाली के लिए जावड़ेकर से हस्तक्षेप की मांग

बेंगलूरु। कर्नाटक राज्य खुला विश्वविद्यालय (केएसओयू) के विद्यार्थियों और अधिकारियों ने शुक्रवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जाव़डेकर से आग्रह किया कि वे केएसओयू द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता दिलाने के लिए हस्तक्षेप करें और यूजीसी पर उचित दबाव बनाएं। जाव़डेकर, जो कर्नाटक भाजपा चुनाव समिति के प्रभारी भी हैं, शुक्रवार को यहां जगन्नाथ भवन स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी कोर कमेटी की एक बैठक में हिस्सा लेने आए थे। इस दौरान केएसओयू के प्रभावित विद्यार्थियांे और अधिकारियों ने जाव़डेकर से मुलाकात की और केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार एवं सदानंद गौ़डा तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येड्डीयुरप्पा एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर की उपस्थिति में अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। जाव़डेकर ने भरोसा दिया कि वे इसे गंभीरता से लेंगे और १७ अक्टूबर को एक विशेष बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी एवं समाधान निकालाा जाएगा। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करने वाले राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री एसए रामदास ने कहा कि यूजीसी द्वारा केएसओयू की मान्यता पुनः बहाल नहीं करने के कारण एवं मौजूदा पाठ्यक्रमों को प्रतिबंधित करने की वजह से तीन लाख से ज्यादा विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने जाव़डेकर को इस मुद्दे से अवगत कराया है। हमने उन्हें बताया है कि केएसओयू से संबंधित अनियमिताओं के पीछे विद्यार्थियों का कोई दोष नहीं है, इसलिए सैंक़डांे विद्यार्थी लगातार अपनी परेशानियों से संबंधित पत्र यूजीसी एवं अन्य को लिख रहे हैं लेकिन वे बहरे होकर उनकी बातों को अनसुना किए हुए हैं। मैसूरु, मंड्या सहित अन्य जिलों से आए विद्यार्थियों ने जाव़डेकर से मुलाकात के बाद कहा कि जब तक यूजीसी दोबारा केएसओयू की मान्यता बहाल नहीं करता है तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमने कुछ दिन पूर्व इस मुद्दे पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी पत्र लिखा था और उन्हें बताया था कि केएसओयू से पीजी करने के बाद भी हमें रोजगार से वंचित होना प़ड रहा है।

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