चेन्नई। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि राज्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में त्रुटि हुई है और यह सिफारिशें केन्द्र के सातवें वेतन आयोग के समान नहीं है। राज्य सरकार ने बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इन सिफारिशों को मंजूरी दी थी और घोषणा की थी कि इससे राज्य सरकार के अधीन आने वाले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के वेतन में २० से २५ प्रतिशत तक की वृद्धि होगी।हालांकि स्टालिन ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार द्वारा जिस प्रकार से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूर किया गया है उससे राज्य के सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को २१ महीने का वेतन नहीं मिलेगा और केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की तरह २१,००० रुपए की सालाना राशि का लाभ भी नहीं मिल सकेगा। स्टालिन ने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के किराया भत्ते और चिकित्सा भत्ते में भी बढोत्तरी नहीं की है। इसके साथ ही कई अन्य मुद्दे भी हैं जिनसे राज्य के कर्मचारी यूनियन खुश नहीं हैं। द्रमुक नेता ने कहा कि सरकार की ओर से यह कदम मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को राज्य में लागू करने का निर्देश देने के कारण उठाया गया है। जब राज्य के सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों ने नई पेंशन योजना को वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग के साथ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और इस संबंध में मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के समक्ष याचिका दायर की गई तो न्यायालय ने सरकार को राज्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को अपने सामने उपस्थित होने और इसे लागू करने का आदेश नहीं दिया होता तो शायद अभी तक सरकार इसे लागू नहीं करती।स्टालिन ने मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीस्वामी द्वारा वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूर करने के बारे में जारी की गई विज्ञप्ति में ‘मैं’’ और ‘मेरी’’ जैसे शब्दों का उपयोग करने के लिए भी मुख्यमंत्री को आ़डे हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने अपने बयान में उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया है जो पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता अपने बयानों में करती थी। क्या ऐसा करके पलानीस्वामी यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह जयललिता हैं। स्टालिन ने कहा कि सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की औपचारिकता पूरी की है और राज्य के सरकारी कर्मचारियों की ओर से की जा रही मांगों पर ध्यान नहीं दिया है।
स्टालिन को सातवें वेतन आयोग को लागू करने में त्रुटि नजर आई
स्टालिन को सातवें वेतन आयोग को लागू करने में त्रुटि नजर आई