उत्तर कर्नाटक के विकास कार्यान्वयन पर श्वेत पत्र लाए सरकार : शेट्टर

उत्तर कर्नाटक के विकास कार्यान्वयन पर श्वेत पत्र लाए सरकार : शेट्टर

बेंगलूरु। विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा सदस्य जगदीश शेट्टर ने सोमवार को उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के विकास पर राज्य सरकार पर हमला बोला और क्षेत्रीय असंतुलन पर नंजुनडप्पा समिति की रिपोर्ट के अनुसार विकास कार्यों के कार्यान्वयन पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने उत्तर कर्नाटक को लेकर सरकार की असफलताओं को इंगित किया और सरकार के इरादों पर सवाल उठाते हुए सरकार को गैरजिम्मदार बताया। उत्तर कर्नाटक के मुद्दे पर विशेष चर्चा के दौरान शेट्टर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उत्तर कर्नाटक के विकास के मामलों को अनदेखा कर रखा है फिर चाहे वह नंजुनडप्पा समिति की रिपोर्ट के कार्यान्वयन का मामला हो या फिर हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र की भांति उत्तर कर्नाटक को संविधान की धारा ३७१ (जे) के तहत विशेष क्षेत्र का दर्जा दिलाने की। पिछले वर्षों में फंड के आवंटन और उसके उपयोग में अंतर रहने का जिक्र करते हुए शेट्टर ने कहा कि अब इसके पुनर्मूल्यांकन या समीक्षा की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में भी जब मैंने समीक्षा की मांग की थी तब मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने समीक्षा कराने पर सहमति जताई थी लेकिन अब तक न तो समीक्षा हुई और ना ही मूल्यांकन हुआ। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस पर गंभीर नहीं है और उसे कोई मतलब नहीं है जो पूरी तरह से सरकार की गैरजिम्मेदारी को दर्शाने वाला है। साथ ही उन्हांेने मांग की कि नंनजुडप्पा समिति की रिपोर्ट पर कार्यान्वयन को लेकर राज्य सरकार श्वेत पत्र जारी करे। पिछले वर्षों में उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित धन का उपयोग न करने पर पूर्व मुख्यमंत्री शेट्टर ने इसे क्षेत्र के साथ अन्याय बताया और सवाल किया कि सरकार मरी हुई है या जीवित है? साथ ही उन्होंने क्षेत्र में बेहाल सार्वजनिक स़डक परिवहन का मसला उठाते हुए सरकार की आलोचना की और मांग की कि उत्तर पश्चिम कर्नाटक पथ परिवहन निगम तथा उत्तर पूर्व कर्नाटक पथ परिवहन निगम को राज्य सरकार टैक्स से छूट दे ताकि दोनों निगम आने वाले समय में प्रभावी रूप से काम कर सकें। उन्होंने सरकार पर उत्तर कर्नाटक क्षेत्र की पूरी तरह से उपेक्षा करने का आरोप लगाया।

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