बेंगलूरु। प्रस्तावित कर्नाटक निजी मेडिकल एस्टाब्लिशमेंट (केपीएमई) विधेयक के खिलाफ चल रहे निजी अस्पताल के डॉक्टरों की ह़डताल के चलते राज्य में बुधवार दोपहर तक कुल १२ मरीजों की मौत हो गई। नए मामलों में पिछले चौबीस घंटों के दौरान बागलकोट जिले में तीन और टुमकूरु जिले में एक की मौत उचित उपचार नहीं मिलने के कारण हो गई। इस प्रकार सोमवार से शुरु हुई डॉक्टरों की ह़डताल के कारण राज्य में तीन बच्चों सहित १२ लोगों की मौत हो गई। बुधवार को दिल-संबंधी बीमारियों के कारण बागलकोट जिले के मुधोल के रहने वाले ३९ वर्षीय विठ्ठल भजनतरी का निधन हो गया। पेशे से बुनकर भजनतरी को समय पर इलाज नहीं मिल पाने का मामला सामने आया है क्योंकि डॉक्टरों की ह़डताल के चलते निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को बंद रखा गया था। इसी प्रकार बागलकोट जिले के ही जामखंडी तालुक के बनहट्टी कस्बे में दो मरी़जों की मौत हो गई क्योंकि बुधवार को डॉक्टरों की ह़डताल के कारण उन्हें समय पर चिकित्सा नहीं मिल पाई। मृतकों की पहचान ईरापा मांतुर (४३) और लियाकत मालदर (६२) के रूप में हुई है।टुमकूरु में पुरुस कॉलोनी के रहने वाले हृदय रोगी मोहम्मद प्यारू (५७) की मौत बेंगलूरु के जयदेवा अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में हो गई। प्यारु ने मंगलवार की रात को सीने में दर्द की शिकायत की। हालांकि उनके परिवार के सदस्यों द्वारा उन्हें टुमकूरु में निजी अस्पताल में इलाज कराने का प्रयास किया गया लेकिन अस्पतालों के बंद रहने के कारण उनके सभी प्रयास बेकार हो गए, उन्होंने प्यारु को बेंगलूरु के जयदेवा अस्पताल में स्थानांतरित करने का फैसला किया लेकिन रास्ते में ही प्यारु ने दम तो़ड दिया।
बेपटरी हालात में चिकित्सा व्यवस्था, 12 की मौत
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