मंत्रियों-विधायकों की अनुपस्थिति पर आगबबूला सिद्दरामैया

मंत्रियों-विधायकों की अनुपस्थिति पर आगबबूला सिद्दरामैया

बेलगावी। ब़डी संख्या में मंत्रियों और विधायकों के शीतकालीन सत्र से गायब रहने के कारण लगातार हो रही निंदा के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई और सदस्यों की अनुपस्थितियों की तीखी आलोचना की। सत्ताधारी दल ने अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर कहा था कि वे अनिवार्य रूप से ज्यादा से ज्यादा समय सत्र में शामिल रहें और महत्वपूर्ण चर्चाओं में भाग लें। हालांकि इसका कोई असर विधायकों पर नहीं दिख रहा है और कुर्सियां खाली नजर आती हैं। बुधवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक (सीएलपी) में बोलते हुए सिद्दरामैया ने विधायकों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए कहा, अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व हमारी सरकार के अंतर्गत बेलगावी का यह सत्र अंतिम सत्र है लेकिन मैं यह नहीं समझ रहा हूं कि किस वजह से ब़डी संख्या में विधायक सत्र से अनुपस्थिति चल रहे हैं? उन्हांेने कहा, आप मुझे बताएं आपकी क्या समस्या है? मैं आपकी समस्याओं का समाधान करुंगा। यहां तक कि सीएलपी से भी कई मंत्री और विधायक गायब रहे जिसे लेकर सिद्दरामैया ने गहरी नाराजगी जताई। रमेश जरकीहोली, प्रमोद माधवराज, प्रियंक खरगे जैसे मंत्री और सतीश जरकीहोली, अंबरीश, मलिकायर गुत्तेदार आदि विधायक सीएलपी से गायब थे। सिद्दरामैया सहित बैठक में मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने मंत्रियों और विधायकों से कहा कि चुनाव को लक्षित कर भाजपा द्वारा विभिन्न मुद्दों पर राज्य में शुरु किए गए अभियान का जमकर मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’’ पर बारीकी से नजर रखें। सिद्दरामैया ने विधायकों से कहा कि डीएसपी गणपति आत्महत्या मामले में भाजपा के आरोपों का सभी डटकर मुकाबला करें और उचित प्रतिक्रिया दें। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से जार्ज का इस्तीफा मांग रही है। परमेश्वर ने निर्वाचित प्रतिनिधियों से विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत बनाने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग कर्नाटक की सत्ता में कांग्रेस को बनाए रखने के पक्ष में हैं लेकिन इसके लिए विधायकों को मजबूती के साथ सक्रिय होना चाहिए।

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