आयकर विभाग की छापेमारी का राजनीतिकरण नहीं करें : पोन राधाकृष्णन

आयकर विभाग की छापेमारी का राजनीतिकरण नहीं करें : पोन राधाकृष्णन

तिरुचि। केन्द्रीय राजमार्ग एवं छोटे बंदरगाह राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने रविवार को तिरुचि में पत्रकारों से बातचीत में आयकर विभाग द्वारा अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से दरकिनार की जा चुकी वीके शशिकला और उनके संबंधियों की संपत्तियों पर की जा रही छापेमारी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह छापेमारी काले धन के खिलाफ छे़डी गई ल़डाई का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमें आयकर विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। आयकर विभाग एक स्वायत्त निकाय है।राधाकृष्णन ने कहा कि शशिकला और उनके संबंधियों के खिलाफ की जा रही इस कार्रवाई में केन्द्र सरकार या राज्य सरकार का हाथ होने का आरोप निराधार है। आयकर विभाग द्वारा यह कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है। उन्होंने द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन द्वारा इस कार्रवाई के पीछे राजनीति कारण होने का आरोप लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस प्रकार के आरोप निराधार है। आयकर विभाग पहले से कहीं अधिक सक्रियता से कार्य कर रहा है और यही कारण है कि काला धन रखने और टैक्स की चोरी करने वालों की मुश्किलें बढ रही हैं।उन्होंने पत्रकारों से कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा काले धन के खिलाफ शुरु की गई मुहीम के तहत काला धन रखने वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि दूसरे राज्यों में यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भी किसी नेता के पास काला धन होने की बात सामने आई है तो उसके खिलाफ भी इसी प्रकार की कार्रवाई की गई है। जब उनसे पूछा गया कि देश से काला धन को पूरी तरह से समाप्त करने में कितना समय लगेगा तो उन्होंने कहा कि इसके लिए समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है लेकिन यह निश्चित रुप से कहा जा सकता है कि देश से काला धन निश्चित रुप से समाप्त होगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में दैनिक उपयोग की १७८ वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने का और आगामी गुजरात चुनाव का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी दर २८ प्रतिशत से १८ प्रतिशत करने का यह निर्णय जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। देश के आम नागरिकों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर केन्द्र सरकार द्वारा की गई इस घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी विफलताओं से घबरा गई है और गुजरात चुनाव से पहले इस प्रकार के बेबुनियाद बातों को हवा दे रही है।

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