चेन्नई। अन्ना विश्वविद्यालय में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में सोमवार को केन्द्रीय विज्ञान एवं तकनीक राज्य मंत्री वाईएस चौधरी ने विभिन्न कॉलेजों के छात्रों और शोधार्थियों को नए शोध के लिए सोचने के बारे में कहा। उन्होंने कहा कि देश में नवाचार की जरुरत है और यह विद्यार्थियों के प्रयासों से ही संभव है। इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री पृथ्वी एवं पर्यावरण ने कहा कि सरकार परंपराओं और वैज्ञानिकी को जो़डने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से हमें उत्कृष्ट वैज्ञानिक प्रतिभाओं को ढूंढने में आसानी होती है।इससे पूर्व चेन्नई के २१ स्कूलों के १०४९ छात्रों ने एक साथ बायलॉजी लेसन’’ सीखा। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड कमेटी ने इस घटना को आधिकारिक रूप से वर्ल्ड रिकॉर्ड घोषित किया है।बायोलॉजी लेसन खत्म होने के बाद गिनीज रिकॉर्ड कमेटी ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डॉ. हर्षवर्धन को रिकॉर्ड सर्टिफिकेट सौंपा गया। इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में यह दूसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है। इससे पहले आईआईटी दिल्ली में आयोजित हुए पहले साइंस फेस्टिवल के दौरान कैमिस्ट्री प्रेक्टिकल का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था। दुनिया में किया गया पहला प्रयास गिनीज रिकॉर्ड के प्रतिनिधि स्वप्निल डांगरेकर ने कहा कि यह दुनिया में एक नया रिकॉर्ड है। इस रिकॉर्ड के प्रयास के लिए यह शर्त थी कि कम से कम ५०० छात्र ३५ मिनट के लिए पूरे ध्यान से कक्षा में शामिल हों। यहां २१ स्कूलों के १०५० छात्रों मौजूद थे और कक्षा एक घंटे से ज्यादा चली। हर ५० छात्रों के समूह सक्रियता को देखने के लिए ऑब्जर्वर थे। शिक्षिका लक्ष्मी प्रभु ने बायलॉजी में कोशिकाओं के वर्गीकरण का पाठ प़ढाया और अंत में पपीते के फल से डीएनए निकालने का तरीका सिखाया। उन्होंने पपीते के पल्प को एक बीकर में लेकर उसमें डिटरजेंट के घोल की कुछ बूंदें डालीं जिससे कोशिका के अंदर न्यूक्लिक-वॉल घुल गईद्र इसके बाद घोल में चिल्ड एथेनॉल मिलाने पर डीएनए अलग होकर सतह पर आ गया।
देश में नवाचार की जरुरत : केन्द्रीय मंत्री
देश में नवाचार की जरुरत : केन्द्रीय मंत्री