उपचुनाव से पूर्व आरके नगर अभेद्य किले में तब्दील

उपचुनाव से पूर्व आरके नगर अभेद्य किले में तब्दील

चेन्नई। आरके नगर उपचुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से पूरा करवाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कमर कस ली है। पूरे विधानसभा क्षेत्र को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया है और भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आयोग द्वारा इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि पिछली बार की तरह इस बार भी मतदाताआंें को प्रभावित नहीं किया जा सके।आयोग के अधिकारियांें ने बताया कि इस विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं के वाहनों को क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए और बाहर जाने के लिए टोकन जारी किया जा रहा है। इसके लिए निर्वाचन आयोग द्वारा यहां रहने वाले मतदाताओं के वाहनों का सर्वेक्षण किया गया है। मतदाताओं के वाहनों के अलावा किसी और बाहरी वाहन को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अगर किसी बाहरी व्यक्ति के वाहन को विधानसभा क्षेत्र में ले जाना है तो उसे इसके लिए चुनाव आयोग से आवश्यक अनुमति लेनी होगी और शाम ५ बजे से पहले विधानसभा क्षेत्र खाली कर देना होगा।किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिए आरके नगर की सभी छोटी ब़डी गलियों में महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई है। चुनाव प्रचार करने और मतदाताओं से मिलने के लिए यहां आने वाले विभिन्न पार्टियों के कैडरों और प्रत्याशियों पर भी क़डी नजर रखी जा रही है। आयोग द्वारा सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को इस बात की सूचना दे दी गई है कि वह सुबह ९ बजे के बाद ही चुनाव प्रचार शुरु कर सकते हैं। आयोग ने विभिन्न पार्टियों के प्रमुख चुनाव प्रचारकों और स्टार प्रचारकों की संख्या में कटौती करने का अनुरोध करने की भी योजना बनाई है।आयोग के अधिकारियों के अनुसार इस वर्ष अप्रैल में आयोग ने आरके नगर उपचुनाव क्षेत्र में ४० प्रचारकों को अनुमति दी थी लेकिन प्रचार अभियान के दौरान भी़ड काफी अधिक हो जाती थी और आयोग के अधिकारी इस बात की सही ढंग से जांच नहीं कर पाते थे कि पैसे बांटे जा रहे हैं या नहीं? विभिन्न पार्टियों के स्टार प्रचारकों के साथ काफी संख्या में वाहन विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं और ऐसे में सभी वाहनों पर नजर रखने में कठिनाई होती है इस समस्या को देखते हुए आयोग ने सभी पार्टियों से अधिकतम पांच स्टार प्रचारकों को ही अनुमति देने का निर्णय लिया है।राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से इस बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है जैसी पहले कभी भी नहीं की गई। आयोग द्वारा भारी संख्या में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की अधिक टुकि़डयां बुलाई जाएंगी। सीएपीएफ के जवान वाहनों की जांच करने के साथ ही रात के समय चुनाव क्षेत्र में गश्त भी करेंगे। अधिकारियों के अनुसार अप्रैल में सीएपीएफ की १० टुकि़डयों को बुलाया गया था लेकिन इस बार कम से कम २० टुकि़डयों को बुलाया गया है। प्रत्येक टुक़डी में ७० से ९० जवान होते हैं। यह सभी उपचुनाव क्षेत्र में पैसे बांटने की गतिविधि को रोकने के लिए कार्य करेंगे। चूंकि दक्षिण भारत में होने वाला यह एकमात्र उपचुनाव है इसलिए चुनाव आयोग ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से अधिक केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों को उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है।इसी क्रम में चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मुख्य निगरानी अधिकारी कमलेश कुमार पंत को सामान्य निरीक्षक के रुप में तैनात किया है। इसके साथ ही भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी कुमार प्रणव, भारतीय रेलवे लेखा सेवा के अधिकारी शील आशीष और भारतीय रक्षा लेखा सेवा के टीके जागोरिया दास को चुनाव के खर्च निरीक्षक के रुप में तैनात किया गया है। आयोग ने इमैन्युअल मोइवा को पुलिस निरीक्षक नियुक्त किया है। आयोग द्वारा विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर ९ निरीक्षकों को तैनात करने की योजना बनाई गई है।

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