राष्ट्रपति ने किया 32 वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का शुभारंभ

राष्ट्रपति ने किया 32 वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का शुभारंभ

चेन्नई। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार तमिलनाडु के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथन कोविंद ने शनिवार को यहां ३२ वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूसन्स ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) द्वारा किया गया था। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह इंजीनियरों और ऐसे सामाजिक इंजीनियरों की धरती है जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि पूछने का जज्बा, साक्ष्य आधारित नीतियां और तकनीक तथा नवप्रवर्तन के माध्यम से लोगों का कल्याण करना तमिलनाडु के सार्वजनिक जीवन की पहचान रहा है। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मिल परियोजना का विचार तमिलनाडु से आया और इसे पूरे देश में कुपोषण से ल़डने के हथियार की तरह उपयोग में लाया गया और इससे हमारे बच्चों का मानसिक और शारीरिक पोषण हुआ।उन्होंने कहा कि चाहे सूचना तकनीक हो, ऑटोमोबाइल विनिर्माण हो या परिधान उद्योग तमिलनाडु ने इंजीनियरिंग का उपयोग एक ठोस औद्योगिक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए किया है और हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का कार्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि इंजीनियर बदलाव के दूत हैं। उन्होंने कहा कि यह ईितहास में दर्ज है कि यह इंजीनियर ही हैं जिन्होंने वैज्ञानिक तर्कों का उपयोग प्रायोगिक समाधान देने के लिए किया है। चाहे पुलों या बांधों का निर्माण हो या लोकोमोटिव और कंप्यूटर का डिजाइन इंजीनियरों ने ही इसे मूर्त रुप देने में योगदान दिया है।राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन समय के धातु के औजारों से लेकर इंटिग्रेटेड सर्किट के निर्माण तक, १८ वीं शताब्दी की औद्योगिक क्रांति से लेकर २१ वीं सदी की औद्योगिक क्रांति तक यह इंजीनियरिंग ही है जिसने भविष्य की भाषा बोली है। उन्होंने कहा कि आज आर्टिफिसियल इंटिलिजेंस की संभावनाओं को तलाशने, इंटरनेट की चीजों और मेक इन इंडिया की हमारी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एक बार फिर से हमें इंजीनियरों की ओर मु़डना प़ड रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह सभी मौके आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं क्योंकि मौजूदा समय में इंसानी सभ्यता संक्रामक बिंदु तक पहुंच चुकी है। तकनीक का उद्भव हमारे रहने और हमारे जीने और हमारे सोचने के तरीकों को बदल रहा है। यह इंजीनियरिंग से संबंधित कार्यों को भी चुनौतीपूर्ण बना रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सिविल इंजीनियर निर्माण संबंधी कार्यों के विशेषज्ञ होते हैं। हालांकि सामग्री और मिश्रण के इसी ज्ञान को मानव शरीर के लिए कृत्रिम अंगों का निर्माण करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है और मजबूत ढांचगत सुविधाओं के निर्माण के लिए भी। राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा विकास इंजीनियरों के लिए संभावनाओं का द्वारा खोल रहा है। खाद्य तकनीक, जैव तकनीक, पार्यावरणीय अभियांत्रिकी और परिवहन अभियांत्रिकी इंजीनियरों के लिए एक नए कार्य क्षितिज का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक इंजीनियर को अभियांत्रकी के साथ ही कानून, भूगोल और राजनीतिक विज्ञान के बारे में अवश्य तौर पर परिचित होते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर हमारे देश में खाद्य, स्वास्थ्य सुविधाएं,पर्यावरण और किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराने तथा न्यूनतम नुकसान पर अधिकतम ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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