‘टू जी मामले के फैसले को आपके चरणों में समर्पित करता हूं’

‘टू जी मामले के फैसले को आपके चरणों में समर्पित करता हूं’

चेन्नई। टूजी मामले में गुरुवार को फैसला आने के बाद इस मामले के आरोपी और पूर्व मंत्री ए राजा ने करुणानिधि को एक भावुक पत्र लिखकर कहा है कि मैं टू जी मामले में आए फैसले को आपके चरणों में समर्पित करता हंू। इस पत्र को शुक्रवार को मीडिया को जारी किया गया। राजा ने द्रमुक सुप्रीमो को अपना समर्थन करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। पिछले कुछ समय से द्रमुक सुप्रीमो करुणानिधि बीमार हैं और वह किसी से बातचीत करने में भी असमर्थ थे लेकिन अब उन्होंने कुछ-कुछ बोलना शुरु कर दिया है। इसी संदर्भ में राजा ने अपने पत्र में उनसे कहा है ‘ मैं आपकी आवाज सुनने का इंतजार कर रहा हूं।’’राजा ने कहा है ‘‘आपने मुझे बर्फ में भी सुरक्षित रखा है इसलिए मैं स्पेक्ट्रम की इस ल़डाई में नहीं घुल सका। उन लोगों को कौन सजा देगा जिन्होंने आपके ८० वर्ष के सार्वजनिक जीवन को दागदार किया है? स्पेक्ट्रम हमले ने एक वैचारिक क्रांति (द्रमुक) के दामन में दाग लगाने का कार्य किया है। स्पेक्ट्रम पर की गई राजनीति ने उन लोगों के हाथों में शासन सौंपने का मौका दे दिया जो आपकी सरकार को समेट नहीं सके।पूर्व मंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्होंने भारत के दूरसंचार क्षेत्र में एक क्रांति लाने का कार्य किया। राजा ने कहा है ‘वर्ष २०१२ तक देश में ६० करो़ड मोबाइल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन हमने वर्ष २००९ में ही ५९ करो़ड मोबाइल कनेक्शन दे दिए। हमने स्पेक्ट्रम कार्टल को तो़डने का कार्य किया जिससे देश में व्हाट्स एप्प और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का मार्ग प्रशस्त हो सका। इसे अपराध कहना और इसके लिए जेल भेजा जाना सिर्फ भारत में ही हो सकता है। मीडिया ने भी इस मामले में लगाए गए आरोपों पर शोध करने से इंकार कर दिया और स्पेक्ट्रम पर गलत हितों को प्रचारित करने का कार्य किया।अपने कार्यों को सही ढंग से करने में मेरा विश्वास और देश की न्यायिक प्रणाली पर मेरे भरोसे को आज सही साबित कर दिया गया है। मेरे कार्यकाल के दौरान स्पेक्ट्रम या मोबाइल से होने वाले वार्तालाप को भेजने वाली रेडियो तरंगें आवंटित करने का निर्णय पूरी तरह से राष्ट्रीय दूरसंचार नीति भारतीय टेलिफोन नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों के तहत लिया गया था। राजा ने कहा कि इस आदेश के आने से पहले वह खुद को कलंकित समझ रहे थे क्योंकि उन्होंने जो कार्य किया था उसका लाभ देश के गरीबों तक पहुंचा था यह साफ-साफ नजर आने के बावजूद वह अपने कार्यों के लिए एक आपराधिक मामले का सामना कर रहे थे।पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने अपने नेता से कहा है कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और मैंने जांच में पूरा सहयोग दिया। मैंने इस मामले की सुनवाईर् के दौरान एक दिन के लिए भी इसे स्थगित करने की मांग नहीं की। मेरे अंदर अदालत के कटघरे में ख़डे होने तथा अपने बचाव में साक्ष्य पेश करने की हिम्मत और आत्मविश्वास था। मैंने सीबीआई द्वारा की गई पूछताछ में भी पूरा सहयोग दिया। राजा ने कहा कि न्यायाधीश ने अपने आदेश में यह महसूस किया कि मेरे द्वारा रखे गए साक्ष्य आधिकारिक, विश्वसनीय और सुसंगत थे जिन्हें अभियोजन पक्ष द्वारा अविश्वसनीय रूप से खारिज कर दिया गया। राजा ने करुणानिधि को बताया कि न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजना पक्ष न सिर्फ इस मामले में कोई साक्ष्य पेश कर पाया बल्कि अभियोजन पक्ष द्वारा दायर किया गया यह मामला ही झूठा है जिसे मैं पहले दिन से ही कह रहा हूं।

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