राज्यपाल का विरोध करेगी द्रमुक : स्टालिन

राज्यपाल का विरोध करेगी द्रमुक : स्टालिन

चेन्नई। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा है कि उनकी पार्टी तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के खिलाफ उन जिलों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगी जहां वह विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जाएंगे। यहां एक बयान मेंं स्टालिन ने कहा कि पुरोहित को विभिन्न जिलों में परियोजनाओं की समीक्षा करने के अपने राजनीतिक कार्य को रोकना चाहिए और मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने का आदेश देना चाहिए।ज्ञातव्य है कि शुक्रवार को भी राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कड्डलूर जिले में चक्रवात प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। राज्यपाल की इस नई बैठक के बाद द्रमुक ने यह बयान दिया है। द्रमुक नेता ने कहा कि जब राज्य में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों हैं तो राज्यपाल को इस प्रकार की बैठक करने की क्या आवश्यकता है? उन्होंने कहा कि राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन लागू नहीं हुआ है और ऐसे में राज्यपाल को प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप करने की कोई जरुरत नहीं है।स्टालिन ने चक्रवात राहत कार्य को प्रभावी ढंग से नहीं करने के लिए राज्य सरकार को आ़डे हाथों लिया। उन्होंने कहा कि राहत कार्य करने में सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। राज्य के चक्रवात प्रभावित जिलों में अभी भी काफी संख्या में लोगों द्वारा राहत कार्य सही ढंग से नहीं करने की शिकायत की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी भी राज्य के सैंक़डों मछुआरे लापता हैं लेकिन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री आरके नगर में चुनाव प्रचार करने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को कन्याकुमारी के लापता मछुआरों को ढूंढने के बारे में उठाए जा रहे कदमों के बारे में सही ढंग से मछुआरों को बताना चाहिए।स्टालिन ने कहा है कि आरके नगर में एक बार फिर से अनियिमतताएं हो रही हैं और चुनाव आयोग चुप्पी साधे बैठा है। द्रमुक नेता ने कहा कि द्रमुक कार्यकर्ताओं के पास इस बात के प्रमाण मौजूद हैं कि आरके नगर में मतदाताओं के बीच उपहार और नकदी का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा अभी तक आचार संहिता का उल्लंघन करने और नकदी वितरण करने के मामले मंे किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, यह काफी दु:खद है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आरके नगर उपचुनाव में आयोग द्वारा कार्रवाई की जा रही है उससे आयोग की कार्यशैली पर प्रश्न उठ रहे हैं।

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