बेंगलूरु। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने शुक्रवार को कहा कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था की री़ढ है और कृषि प्रौद्योगिकीविदों एवं वैज्ञानिकों से अपील की कि वे कृषि उत्पादकता ब़ढाने के प्रयास करें जिससे किसानों की आय ब़ढे और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो। यहां ऑर्गेनिक्स और बाजरा-२०१८ अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि कर्नाटक जैसे राज्यों में सिर्फ बारिश पर निर्भर हैं जिस कारण किसानों की स्थिति बहुत अधिक खराब है और उन्हें अपने कृषि उत्पादन में वृद्धि करने के लिए तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले १७ सालों में कर्नाटक ने १३ साल सूखा देखा है और इसका किसानों पर सबसे खराब प्रभाव प़डा है। बावजूद इसके उनकी सरकार किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने में अपनी पूरी कोशिश कर रही है। यह बताते हुए कि ग्रामीण इलाकों में युवा कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर न तलाश कर शहरी क्षेत्रों में बेहतर रोजगार की संभावनाओं के लिए पलायन कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति को अनुसंधान संस्थानों द्वारा नियंत्रित करने की आवश्यकता है ताकि शोध कार्यों का फायदा किसानों को पहुंचे। उन्होंने बाजरा का विशेष उल्लेख किया जो शहरी लोगों के बीच एक दैनिक भोजन की आदत के रूप में एक प्रमुख उभर रहा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक जैविक खेती को समर्थन दे रहा है और शायद एकमात्र ऐसा राज्य है, जो वर्ष-२००४ में इसके लिए नीतिगत ढांचा लेकर सामने आया था। उन्होंने कहा कि वर्ष-२००४ में मात्र २,५०० हेक्टेयर से शुरु हुई जैविक खेती मौजूदा समय में राज्य में लगभग १००,००० हेक्टेयर तक पहंंुच गई है। ज्स्यप्·र्ैं क्वष्ठत्रर् ·र्ैंह् झ्श्नह्ह्वफ्य्ब्द्मराज्य के कृषि मंत्री कृष्ण बैरेगौ़डा ने इस अवसर पर कहा, सरकार जैविक खेती के लिए और अधिक प्रोत्साहन दे रही है और पिछले साल २०० करो़ड रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा कि जो किसान बाजरा का उत्पादन कर रहे हैं, वे सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं। दो दिनों के इस मेले ने १५० से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी शामिल हुए हैं। कर्नाटक के अतिरिक्त तमिलनाडु, तेलंगाना, मेघालय, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और छत्तीसग़ढ सहित कई राज्यों ने भाग लिया है।
किसानों की आय बढ़ाने की आवश्यकता : सिद्दरामैया
किसानों की आय बढ़ाने की आवश्यकता : सिद्दरामैया