भाजपा ने पहन रखा है ‘साम्प्रदायिक चश्मा’

भाजपा ने पहन रखा है ‘साम्प्रदायिक चश्मा’

बेंगलूरु। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने रविवार को मुख्य विपक्षी दल भाजपा और उसके नेताओं पर बरसते हुए कहा कि वे लोग ‘साम्प्रदायिक चश्मा’’ पहनते हैं जिस कारण वे एक या दो सम्प्रदायों से परे नहीं देख सकते हैं और समाज के अन्य वर्गों को नजरअंदाज करते हैं। तनावग्रस्त क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों पर दर्ज मामलों को वापस लेने के अपनी सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बेबुनियाद आरोप लगाते हुए पूरे मामले को मुसमलमानों से जो़डकर पेश कर रहे हैं जो सही नहीं हैं और भाजपा को इसे साम्प्रदायिक रंग देने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि भाजपा के विरोध के बाद सरकार ने अब अपने निर्णय में कुछ बदलाव किया है और जो मामले कोर्ट में चल रहे हैं उन्हें वापस नहीं लेने की बात कही गई है, इसमें बहुसंख्यक समुदाय से जु़डे मामले भी शामिल हैं। यहां अपने आधिकारिक आवास ‘कृष्णा’’ में पल्स पोलिया टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मानती है कि किसी भी समुदाय के लोगों पर अगर कुछ ऐेसे मामले दर्ज हुए हैं जो सही नहीं हैं तो उन मामलों को वापस लिया जाना चाहिए। हालांकि भाजपा इसे पूरी तरह से अल्पसंख्यक समुदाय से जो़डकर पेश कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि आज पूरे देश में पल्स पोलिया टीकाकरण अभियान चल रहा है तो क्या यह सभी समुदायों के लिए नहीं है? इसी प्रकार मामलों को वापस लेने का निर्णय भी है। उन्होंने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए यह जरुरी है कि भाजपा अपने ‘साम्प्रदायिक चश्मे’’ को उतारे। झ्ह्ययद्भह् द्बरु€त्र द्यय्ःद्भ ·र्ष्ठैं ्ययॅ क्वरुद्यय्·र्ैं ्यझ्यय्ॅैंसिद्दरामैया ने कहा कि कर्नाटक को पोलियो मुक्त राज्य बनाने के लिए कई वर्षों से राज्य में पल्स पोलिया अभियान चलाया जा रहा है और अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा राज्य को पोलिया मुक्त घोषित किया गया है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि अपने पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो खुराक जरुर पिलाएं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में ३२,४३७ केन्द्र खोले हैं और ५१,९७२ टीमें जिसमें १.०४ लाख स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं, पोलियो की खुराक पिलाने में लगे हैं। राज्य में पोलिया खुराक पिलाने का दूसरा चरण ११ मार्च को शुरु होगा।

About The Author: Dakshin Bharat