दिनाकरण ने विलय के लिए सत्ता पक्ष के समक्ष रखी शर्त

दिनाकरण ने विलय के लिए सत्ता पक्ष के समक्ष रखी शर्त

चेन्नई। अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) से दरकिनार किए जा चुके और आरके नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक टीटीवी दिनाकरण ने मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले सत्ता पक्ष के समक्ष विलय के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। राज्य विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य करार दिए गए १८ विधायकों का मामला मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होने के कारण अन्नाद्रमुक का सत्ता पक्ष दिनाकरण को अपने साथ लाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। कोंगु क्षेत्र के कई विधायक और मंत्री दिनाकरण और शशिकला परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में हैं। अभी तक इस संबंध में मीडिया के एक वर्ग में ही खबरें आ रही थीं और इस मामले में न तो मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने कुछ कहा था और न ही दिनाकरण ने। हालांकि पहली बार दिनाकरण की ओर से इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर अपने इरादे जाहिर किए गए हैं। दिनाकरण ने कहा है कि वह अन्नाद्रमुक के सत्ता पक्ष के साथ विलय इस शर्त के साथ करेंगे कि मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री से इस्तीफा लिया जाए और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य घोषित किए जा चुके उनके समर्थक १८ विधायकों में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाए। दिनाकरण ने कहा कि वह खुद मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं।ि द्बैं्यख़य्द्भह्र ·र्ैंह् द्नर्‍ ब्ट्टय्द्मष्ठ ·र्ैंर्‍ ·र्ैंद्य ख्रर्‍ द्बय्ैंख्दिनाकरण ने यह बातें तंजावूर जिले के कातिरामंगलम गांव में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। दिनाकरण ने सत्ता पक्ष की ओर से उनके ध़डे के साथ विलय की बातचीत करने के बारे मंे सवाल पूछे जाने पर यह बात कही। दिनाकरण ने कहा कि यदि अन्नाद्रमुक का सत्तारुढ ध़डा शशिकला समर्थकों को अपने साथ लेने का इच्छुक है तो उसे मंत्रिमंडल से अपने ६ मौजूदा मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाना होगा। हालांकि उन्होंने उन ६ मंत्रियों का नाम बताने से इंकार कर दिया जिन्हें वह मंत्रिमंडल से बाहर करने की शर्त रख रहे हैं। राज्य में इन दिनों इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि यदि मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा १८ विधायकों को अयोग्य घोषित करने के राज्य विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को रद्द कर दिया जाता है तो मौजूदा सरकार गिर सकती है। इसलिए लोगों की नजरें मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले पर दिए जाने वाले आदेश पर टिकी हैं। ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के साथ आने के बाद शशिकला और दिनाकरण के साथ ही शशिकला परिवार के अन्य सदस्यों को पार्टी से दरकिनार कर दिया गया था। इसके बाद से ही दिनाकरण लगातार पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम पर निशाना साध रहे हैं और उन्हें धोखेबाज बता रहे हैं। दिनाकरण अपनी नई पार्टी लाने की घोषणा भी कर चुके हैं और इसके लिए आवश्यक प्रक्रियाओं में जुटे हैं।ृस्त्रय्य्त्त्श्नद्बरु·र्ैं द्मष्ठ ंफ् द्धद्भय्द्म ·र्ैंह् द्धत्रय्द्भय् ब्य्डद्भय्डझ्ख्रदिनाकरण के इस बयान को अन्नाद्रमुक के कुछ नेताओं ने हास्यास्पद बताया है। अन्नाद्रमुक नेताओं का कहना है कि दिनाकरण के बयानों को अन्नाद्रमुक द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। वह अपने बयानों से खुद अपना मजाक बना रहे हैं। दिनाकरण एक स्वतंत्र विधायक हैं और उनकी राजनीतिक क्षमताओं से अभी भी राज्य की जनता अनजान है। अन्नाद्रमुक नेताओं का कहना है कि अब कोई भी विधायक दिनाकरण के साथ नहीं जाएगा क्योंकि विधायक इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि वह यदि सत्तारुढ ध़डे में रहते हैं तो कम से कम तीन वर्ष तक सेवा में बने रह सकते हैं।

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