नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सुपरस्टार रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत से संबंधित एक फर्म को मंगलवार को निर्देश दिया कि वह फिल्म कोचादायान के निर्माण के बाद उसे पैसा देने वाली विज्ञापन एजेन्सी को उसकी ६.२ करो़ड रुपए की बकाया राशि का भुगतान करे। लता इस फर्म में निदेशक हैं। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि फर्म-मीडियावन ग्लोबल एन्टरटेन्मेन्ट लि. तीन महीने के भीतर एडी-ब्यूरो एडवरटाइजिंग प्रा लि. को उसकी बकाया राशि का भुगतान नहीं करती है तो लता को इस संबंध में दिए गए आश्वासन के अनुरूप इस राशि का भुगतान करना होगा।पीठ ने कहा, तीन महीने की इस अवधि में यदि कंपनी (मीडियावन ग्लोबल एन्टरटेन्मेन्ट लि.) शेष बकाया राशि का भुगतान नहीं करती है , प्रतिवादी आरोपी (लता रजनीकांत) ने इस राशि का भुगताने करने का न्यायालय के समक्ष आश्वासन दिया है। पीठ ने कहा, प्रतिवादी आरोपी की ओर से दिए गए उक्त बयान के आधार पर हम इस मामले को तीन महीने के लिए स्थगित करते हैं। इस मामले में अब तीन जुलाई को आगे विचार होगा। शीर्ष अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के १० मार्च, २०१६ के आदेश के खिलाफ विज्ञापन एजेन्सी की याचिका पर यह आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश के बाद लता के खिलाफ शुरू की गयी कार्यवाही निरस्त कर दी थी।
लता रजनीकांत को बकाया 6.20 करोड़ देने का आदेश
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