भूपेन्द्र भानू
बेंगलूरु। उत्तरपूर्व भारत में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों में अपनी जीत हासिल कर एक बार फिर साबित कर दिया है कि उसे जनता का समर्थन प्राप्त है। उत्तरपूर्व के तीन राज्य मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में भाजपा को मिले जनता के समर्थन को देखते हुए देश में पूरा विपक्ष एक होने लग गया है। उत्तरपूर्व की जीत का असर दक्षिण क्षेत्र में भी दिखने लगा है। कर्नाटक में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। कर्नाटक में चुनावी रंग च़ढने लगा है। सत्तासीन कांग्रेस पार्टी को विश्वास है कि वह चुनाव में फिर से सफल होकर सत्ता पर काबिज होगी। जनता दल (एस) के प्रमुख एचडी देवेगौ़डा एवं पार्टी अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी को लगता है कि आने वाले चुनावों में उनकी पार्टी की अहम भूमिका रहेगी। वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है। जैसे ही चुनावों की तारीखों की घोषणा होगी वैसे ही धीरे-धीरे स्थिति साफ होती जाएगी। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पूरी तरह निश्चिंत है। पार्टी का मानना है कि वर्ष २०१८ के विधानसभा चुनावों में जीत उसी की होगी। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया पूरे आत्मविश्वास के साथ पार्टी को जीत का भरोसा दिला रहे हैं। हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की उत्तर कर्नाटक की यात्रा ने पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह जगाया है। आने-वाले दिनों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मेंगलूरु क्षेत्र की यात्रा करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने कहा कि पूर्वोत्तर जनादेश का असर कर्नाटक प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगालेकिन जिस तरह से वह (सिद्दरामैया) राज्य में विकास कार्यों संबंधी नई नई योजनाओं को हरी झंडी दिखाकर शिलान्यास करने में जुटे हैं उससे लगता है कि उन्हें कहीं न कहीं अपनी जीत को लेकर कुछ न कुछ संशय बना हुआ है। रविवार को बेंगलूरु में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए बन रहे वैकल्पिक मार्ग का उन्होंने उद्घाटन किया जो अभी पूरी तरह जनता के लिए खोला ही नहीं गया है। लेकिन मुख्ममंत्री ने इस मार्ग का शुभारंभ कर दिया। बेंगलूरु सिटी रेलवे स्टेशन के पास ओकलीपुरम् में बन रहे अंडरपास एवं ओवरब्रिज पर भी इसी तरह की बात देखने को आई थी जब मुख्यमंत्री ने इस योजना के एक हिस्से यानी कि एक ही स़डक का शुभारंभ किया। कांग्रेस पार्टी एक ओर कह रही है कि मोदी और अमित शाह की रैलियों का कर्नाटक में कोई असर नहीं होगा लेकिन दूसरी ओर उसके मन में कहीं न कहीं संशय की स्थिति भी देखने को मिल रही है और वह भाजपा नेताओं के वक्तव्यों का तल्खी के साथ जवाब देकर वाकयुद्ध में उलझ रहे हैं।दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नेता बीएस येड्डीयुरप्पा भी आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को सुनिश्चित बता रहे हैं। वे कहते हैं भाजपा के कार्यकर्ताओं में भरे आत्मविश्वास को देखकर अन्य पाटिर्यों के हौसले पस्त हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक चुनाव की तैयारियों में जोरों से जुट गए हैं। राज्य में उनके लिए अस्थायी आवास के लिए जगह चयनित कर ली गई है। चुनाव के दौरान वह अपना डेरा यहां डालेंगे। अमित शाह की रणनीति को समझना किसी भी राजनैतिक पार्टी के लिए मुश्किल का काम है। उनके काम करने की अपनी एक अनोखी स्टाइल है। केन्द्रीय मंत्री अनन्तकुमार, डीवी सदानंद गौ़डा, अनंतकुमार हेग़डे अपने अपने क्षेत्र में भाजपा को मजबूती प्रदान करने के हर पहलू तलाश रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनाव के पूर्व कुछ रैलियां संभावित हैं जिनका असर राज्य के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। येड्डीयुरप्पा द्वारा निकाली गई नव कर्नाटक परिवर्तन यात्रा से भाजपा ने अपनी विजय यात्रा का अलख पूरे प्रदेश में जगाया है। येड्डीयुरप्पा का मानना है कि देश भर में भाजपा के खाते में नए नए राज्य साल दर साल जु़डते गए जिसका असर भी राज्य की राजनीति पर प़डेगा। क्षेत्रीय पार्टी के रुप में जनता दल (एस) को इस वर्ष विधानसभा चुनावों में जनता से अच्छी आशाएं हैं। जनता दल के प्रदेशाध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी का मानना है कि इस बार के चुनाव में उनकी पार्टी किंग मेकर का रोल अदा करेगी। लगभग ५० सीटों पर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त कुमारस्वामी राज्य का दौरा कर रहे हैं। राज्य के किसानों का फसल ऋण पूरी तरह माफ कर देने की बात करते हुए किसानों के एक ब़डे वर्ग को अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौ़डा भी राज्य में जगह जगह लोगों से जनसम्पर्क ब़ढा रहे हैं। चुनावों में भाजपा और कांग्रेस की खींचातानी का लाभ जनता दल एस को काफी मिल सकता है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।अब देखना है कि कर्नाटक में आने वाले विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनती है। क्या कांग्रेस अपना शासित राज्य बचाने में सफल होगी या भाजपा दक्षिण में फिर से दरवाजे खोलेगी? कुमारस्वामी की इन चुनावों में क्या भूमिका रहेगी यह आने वाले समय में देखने को मिलेगा।