चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के अपोलो हॉस्पिटल्स में ७५ दिनों तक भर्ती रहने के दौरान सभी कैमरे बंद कर दिए गए थे। अपोलो के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी. रेड्डी ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि २४ बेडवाले में जयललिता अकेली मरीज थीं। ५ दिसंबर २०१६ को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। अपोलो इंटरनेशनल कोलोरेक्टल सिम्पोजियम २०१८ की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से इतर रेड्डी ने पत्रकारों को बताया कि अस्पताल ने जयललिता की मौत के मामले की जांच कर रहे जस्टिस ए. अरुमुगस्वामी कमिशन को सभी प्रासंगिक दस्तावेज सौंप दिए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या फुटेज भी सौंप दिए गए हैं? उन्होंने बताया, ’’दुर्भाग्य से, पूरे ७५ दिनों तक बंद थे। जैसे ही उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, तक पहुंच रोक दी गई। अन्य सभी मरीजों को दूसरे में भेजा गया। इस में वह अकेली थीं। के २४ कमरों में से केवल एक का इस्तेमाल हुआ था। उन्होंने कैमरे हटवा दिए क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि हर कोई यह सब देखे।’’ रेड्डी ने आगे बताया कि किसी भी आगंतुक को उनसे मुलाकात करने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा, ’’अस्पताल में हम एक साधारण नीति का पालन करते हैं। में थो़डी देर के लिए करीबियों के अलावा किसी को भी आने की अनुमति नहीं होती है।
जयललिता के भर्ती होने के दौरान सभी सीसीटीवी कैमरे बंद थे
जयललिता के भर्ती होने के दौरान सभी सीसीटीवी कैमरे बंद थे