प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे पलानीस्वामी

प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे पलानीस्वामी

चेन्नई। केन्द्र सरकार द्वारा कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन नहीं करने के खिलाफ एक दिन की भूख ह़डताल करने , सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज कराने और हाल ही मंे चेन्नई के दौरे पर पहुंचे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपने के बाद अब मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीस्वामी कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर उन्हें अनुरोध करने के लिए दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं।महात्मा गांधी की १५० वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में लागू होने वाली विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं पर चर्चा करने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में विभिन्न योजनाओं पर चर्चा करने के लिए होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए आगामी २ मई को राजधानी की यात्रा करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक के दौरान कावेरी बोर्ड की स्थापना सहित राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। ज्ञातव्य है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चेन्नई से सटे महाबलीपुरम में रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित डिफेंस एक्सपो मेंे हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने उनसे मुलाकात की थी और उन्हें कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन जल्द से जल्द करने का अनुरोध करते हुए ज्ञापन भी सौंपा था। उल्लेखनीय है कि पलानीस्वामी द्वारा आगामी २ मई को प्रधानमंत्री मोदी को कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन के लिए सौंपा जाने वाला यह ज्ञापन पिछले दो महीनों में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को सौंपा गया यह मुख्यमंत्री का तीसरा ज्ञापन होगा।सूत्रों के अनुसार ज्ञापन में पलानीस्वामी गत १६ फरवरी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रेखांकित करेंगे जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार द्वारा छह सप्ताह के भीतर एक योजना बनाई जाएगी ताकि ’’कावेरी जल विवाद पंचाट के अधिसूचित अंतिम आदेश में न्यायालय द्वारा किए गए संशोधन के साथ लागू किया जा सके। ज्ञातव्य है कि ९ अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि सीडब्ल्यूडीटी का अंतिम आदेश ’’सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में विलय’’ हो चुका है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ’’अभिन्न अंग’’ बन चुका है।गौरतलब है कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया था कि ’’डेल्टा क्षेत्र सिंचाई के लिए कावेरी पानी पर निर्भर हैं और वह उम्मीद कर रहे हैं कि कावेरी नदी के पानी के बंटवारे के लिए काम करने वाले बोर्ड का केंद्र द्वारा गठन कर दिया जाएगा ताकि उन्हें १ जून से शुरु होने वाले अगले सिंचाई वाले मौसम में कृषि कार्यों को करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो।’’ इसके साथ ही पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था कि तत्काल पंचाट और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी शक्तियों के साथ कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल विनियमन समिति का गठन करने का आग्रह किया गया था।

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