बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक में 20 स्थानीय निकायों से विधान परिषद की 25 सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक चुनाव में डाले गए मतों की गणना मंगलवार को शुरू हो गई। चुनाव परिणाम का सीधा असर 75 सदस्यीय उच्च सदन (विधान परिषद) में पार्टियों के समीकरण पर पड़ेगा, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहुमत हासिल करने की कोशिश कर रही है।
विधान परिषद चुनाव 10 दिसंबर को कराए गए थे। राज्य के 25 विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) का कार्यकाल पांच जनवरी, 2022 को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी। इनमें कांग्रेस के 14, भारतीय जनता पार्टी के सात और जनता दल (सेक्यूलर) के चार विधान पार्षद (एमएलसी) शामिल हैं।
चुनाव अधिकारियों के मुताबिक राज्य भर में करीब 20 केंद्रों पर मतगणना चल रही है और दोपहर या शाम तक स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है। चुनाव के 90 उम्मीदवारों में से 20-20 उम्मीदवार भाजपा तथा कांग्रेस के हैं, छह जद(एस), 33 निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के हैं। उम्मीदवारों में सिर्फ एक महिला प्रत्याशी है, जो चिकमंगलूर से चुनाव लड़ रही हैं।
भाजपा ने अधिकतम सीटें जीतने का विश्वास व्यक्त किया है, उसे बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम 13 सीटें जीतने की जरूरत है। हाल के विधानसभा उपचुनावों के दौरान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के गृह जिले हावेरी में हंगल सीट हारने के बाद इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन पार्टी के लिए मनोबल बढ़ाने वाला भी होगा।
वाराणसी में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री बोम्मई ने भाजपा के पक्ष में ‘अच्छे नतीजे’ मिलने का विश्वास व्यक्त किया।
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