अन्नाद्रमुक नेताओं ने जयललिता को दी श्रद्धांजलि, द्रमुक को सत्ता से हटाने का लिया संकल्प

नेताओं ने अन्नाद्रमुक को 'दुश्मनों' से बचाने के लिए संकल्प लिया


चेन्नई/दक्षिण भारत। अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम और सह-समन्वयक ईके पलानीस्वामी ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को उनकी पांचवीं पुण्यतिथि पर रविवार को मरीना में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। उनके साथ पूर्व मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और विभिन्न पदाधिकारियों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।

इसके बाद, नेताओं ने अन्नाद्रमुक को 'दुश्मनों' से बचाने के लिए संकल्प लिया। उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा में कहा कि अपने इतिहास को बदलने की अनुमति नहीं देंगे और अपने 'दुश्मनों' को अब और जीतने नहीं देंगे।

इस दौरान राज्य की द्रमुक सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पार्टी नीट हटाने, शिक्षा ऋण माफ करने और महंगाई पर काबू पाने जैसे 'झूठे' वादे कर सत्ता में आई है। उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर सवाल दागते हुए पूछा, 'क्या उन्होंने ये वादे निभाए?'

वहीं, पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रतिज्ञा में यह भी दावा किया कि अन्नाद्रमुक अपने शासनकाल में बारिश के मौसम और चक्रवातों में लोगों के लिए रक्षक बनकर खड़ी रही थी। उन्होंने द्रमुक सरकार को जनविरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि आज हर जगह, हर गली में पानी है और सभी तमिल लोगों की आंखों से आंसू बह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस सरकार के शासन में न तो पानी की निकासी हो रही है और न लोगों का जीवन फल-फूल रहा है। नेताओं ने द्रमुक सरकार को सत्ता से हटाने और परिदृश्य बदलने के लिए संकल्प लिया।

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