उच्च न्यायालय ने भारत में अधिक समय तक रुकी श्रीलंकाई महिला को स्वदेश लौटने की अनुमति दी

जब वह आई तो 16 साल की थी, लेकिन अधिक समय तक रुकी रही


मदुरै/दक्षिण भारत। मद्रास उच्च न्यायालय ने भारत में अधिक समय तक रुकी श्रीलंकाई महिला को स्वदेश लौटने की अनुमति दी है। न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने वैध यात्रा दस्तावेज पर भारत आने वाली 19 वर्षीया महिला की याचिका पर यह निर्देश दिया। जब वह आई तो 16 साल की थी, लेकिन अधिक समय तक रुकी रही। उन्होंने पुलिस को उसका पासपोर्ट वापस करने का भी निर्देश दिया।

न्यायाधीश ने कहा कि इसके कारण आक्षेपित प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जमानत मिलने के बाद भी उसे जेल से बाहर नहीं निकलने दिया गया। उन्होंने कहा, मेरे विचार से याचिकाकर्ता को तकनीकी रूप से किए गए अपराधों के लिए सजा से अधिक भुगतना पड़ा है। इसे पर्याप्त सजा के रूप में लिया जा सकता है। उसे मुकदमे के अधीन करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन न्याय के हित में समाप्त किए जाने योग्य है। तदनुसार, इसे समाप्त किया जाता है। मैं इस तरह से प्राथमिकी रद्द नहीं कर रहा हूं। मैं केवल अभियोजन को समाप्त कर रहा हूं। संबंधित अधिकारियों को याचिकाकर्ता को भारत छोड़ने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाता है। विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय, चेन्नई को याचिकाकर्ता को आवश्यक अनुमति देने का निर्देश दिया जाता है।

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