मदरसों को अधिकार में लेने का कोई प्रस्ताव नहीं: नागेश

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मदरसों में छात्रों को आवश्यक शिक्षण और कौशल नहीं दिया जा रहा है


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि सरकार के पास मदरसों को अपने अधिकार में लेने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, हमने इस संबंध में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ कोई चर्चा नहीं की है।

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हालांकि मदरसों में छात्रों को आवश्यक शिक्षण और कौशल नहीं दिया जा रहा है। वहां दी जाने वाली शिक्षा प्रतिस्पर्धी दुनिया के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वे (मदरसे) आगे आते हैं तो इस पर विचार किया जा सकता है।

मंत्री ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को वह शिक्षा मिलनी चाहिए जो अन्य बच्चों को दी जा रही है। नागेश ने कहा कि शिक्षा विभाग में जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है, वह मदरसों में नहीं है। मदरसों को अल्पसंख्यक विभाग चला रहा है। वहां पढ़ने वाले बच्चों को भी अन्य छात्रों की तरह डॉक्टर, कलाकार और इंजीनियर आदि बनना चाहिए।

मैसूरु के पूर्व शासक टीपू सुल्तान को स्कूली पाठ्यक्रम से हटाए जाने की चर्चा पर टिप्पणी करते हुए मंत्री ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो कल्पना के आधार पर लिखी जाती हैं। जो तथ्य निराधार हैं और बिना सबूत के लिखे गए हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दस्तावेजी और ऐतिहासिक सबूत वाली सामग्री को बच्चों के लिए निर्धारित करना होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अगले सप्ताह इस संबंध में सभी सवालों के जवाब देंगे। इस मामले पर चर्चा किसी कल्पना की उपज है। टीपू सुल्तान पर पाठ को पाठ्यक्रम से नहीं हटाया जाएगा।

मंत्री नागेश ने कहा, हमारा इरादा वास्तविक इतिहास पर बच्चों को शिक्षित करना है। यदि टीपू सुल्तान को दी गई 'लायन ऑफ मैसूरु' की उपाधि के लिए कोई सबूत उपलब्ध है, तो इसे बरकरार रखा जाएगा। महिमामंडन का हिस्सा हटा दिया जाएगा।

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