बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक विधान परिषद सदस्य लहरसिंह सिरोया को भाजपा ने कर्नाटक से तीसरा उम्मीदवार बनाया है। दो उम्मीदवार पहले ही घोषित हो चुके हैं जिनका विजयी होना तो संख्याबल से निश्चित है ही, चूंकि लहरसिंह सिरोया के मित्र सभी दलों में हैं जिनसे उनके आत्मीय रिश्ते हैं, इसलिए उनके अतिरिक्त प्रिफ्रेंशियल वोट इन्हें मिलने के प्रबल आसार हैं।
राज्यसभा के लिए उम्मीदवारी मिलना भी कोई आसान बात नहीं है लेकिन लहरसिंह की अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा और शीर्ष नेतृत्व के हमेशा गुडबुक में रहने का उन्हें लाभ मिलता ही है। पूर्व में भी उन्हें पार्टी की सेवा का यह प्रसाद मिला है।
वे कर्नाटक विधानपरिषद में दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं और पार्टी के हितों के लिए शीर्ष नेतृत्व के आदेशों का पूरी तन्मयता से पालन करते हैं। विधान परिषद के चुनाव में भी द्वितीय टर्म में वे बाकायदा चुनकर आए थे, न कि मनोनीत सदस्य थे।
लहरसिंह की उम्मीदवारी के समाचार से न केवल राजस्थानी समुदाय बल्कि समूचे हिंदीभाषी समुदाय में एक विशेष खुशी की लहर दिखाई देने वाली है क्योंकि विधानपरिषद में वे ही इस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते थे और अब उनके दिल्ली पहुंचने का रास्ता खुल गया है।