आशियाने के लिए सबकी पसंद बन रहा चेन्नई! क्या है वजह?

आईटी कंपनियों के प्रसार के साथ अन्य राज्यों से लोगों के आने के कारण अपार्टमेंट संस्कृति को बढ़ावा मिला है


चेन्नई/दक्षिण भारत। चेन्नई का आवासीय अचल संपत्ति बाजार निरंतर उत्थान की ओर अग्रसर है। साल 2020 में कोरोना की पहली लहर के दौरान भी इसने अच्छा प्रदर्शन किया। इसने तिमाही परिणामों के आधार पर नए लॉन्च और बिक्री में महामारी संबंधी बाधाओं पर बढ़त हासिल की है।

इस कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि कोरोना महामारी में डेवलपर्स द्वारा ऑफ़र व छूट और आकर्षक होम लोन दरों के कारण कई लोगों ने चेन्नई में अपना आशियाना बनाया। इनमें खासतौर से मिड और प्रीमियम सेगमेंट का वर्चस्व रहा, जिसकी वेतनभोगी वर्ग में काफी मांग थी। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों में लगातार नई आपूर्ति के कारण भी शहर में संपत्ति की कीमतें लोगों के बजट में, औसतन 5,000 रुपए प्रति वर्ग फुट से कम रहीं।

जानकार बताते हैं कि शहर में शायद ही कोई ऐसा प्रोजेक्ट हो, जो पूरी तरह ठप पड़ा हो या अटका हुआ हो। वैसे चेन्नई परंपरागत रूप से अपार्टमेंट के कम प्रसार वाला बाजार था। यहां लोग आमतौर पर जमीन खरीदना और उस पर निर्माण करना पसंद करते थे।

हालांकि पिछले कुछ वर्षों में बदलाव जरूर आए हैं। आईटी कंपनियों के प्रसार के साथ अन्य राज्यों से लोगों के आने के कारण अपार्टमेंट संस्कृति को बढ़ावा मिला है। इससे यहां बड़े पैमाने पर अपार्टमेंट प्रोजेक्ट शुरू हुए। छोटे प्रोजेक्ट के तहत बने फ्लैट लोगों की पहुंच में भी आसान थे। दूसरी ओर डेवलपर्स के लिए इसमें बहुत ज्यादा निवेश का जोखिम नहीं था।

इन सभी बिंदुओं का मिला-जुला नतीजा यह रहा कि 2020 की दूसरी छमाही से, कोरोना के बावजूद इसमें महत्वपूर्ण सुधार दिखाई देने लगा। कोरोना की दूसरी लहर के बाद डेवलपर्स ने खासतौर से उन प्रोजेक्ट्स की ओर अधिक ध्यान दिया जिनकी मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं में अधिक मांग थी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर में 2021 में लगभग 12,370 इकाइयों की नई आपूर्ति देखी गई। यह साल 2020 की तुलना में कम से कम 35 प्रतिशत अधिक थी। यही नहीं, साल 2021 में शहर में नए लॉन्च 2019 के 95 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं। इस तरह यह क्षेत्र तेजी से भरपाई की ओर बढ़ रहा है।

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