चेन्नई/भाषा। अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक में सोमवार को बागी नेता ओ पन्नीरसेल्वम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और कोषाध्यक्ष के पद से निष्कासित कर दिया गया। हालांकि पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उनके विरोधी इडापड्डी के पलानीस्वामी को उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने उल्टा पलानीस्वामी को ही पार्टी से ‘निकालने’ की घोषणा कर दी।
दरअसल पार्टी के वरिष्ठ नेता एनआर विश्वनाथन ने पन्नीरसेल्वम और उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित करने संबंधी विशेष प्रस्ताव बैठक में पेश किया और इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अंगीकार कर लिया गया।
प्रस्ताव में पन्नीरसेल्वम पर द्रमुक का साथ देने और अन्नाद्रमुक को कमजोर करने के लिए सत्तारुढ़ दल के नेताओं के साथ मिलने और काम करने का आरोप लगाया गया। इसमें कहा गया कि पन्नीरसेल्वम ने पार्टी के हितों ,लक्ष्यों और सिद्धांतों के खिलाफ काम किया।
प्रस्ताव में कहा गया कि उन्होंने 23 जून को होने वाली आम परिषद की बैठक को रोकने के लिए पुलिस से संपर्क किया, जो उन्होंने पलानीस्वामी के साथ संयुक्त रूप से बुलाई थी। अन्नाद्रमुक ने आरोप लगाया कि पन्नीरस्वामी ने व्यक्तिगत हितों के लिए काम किया।
पार्टी ने उनके समर्थकों आर वैथिलिंगम और पी एच मनोज पंडियन को भी निष्कासित किया । दोनों ही विधायक हैं। साथ ही पूर्व विधायक जेसीडी प्रभाकर को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा उन्हें ‘1.5 करोड़’ पार्टी कार्यकर्ताओं ने समन्वयक निर्वाचित किया था और इसलिए पलानीस्वामी को और अन्य नेता के पी मुनुसामी को उन्हें निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करता हूं।’ आगे की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्थन से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।