बेंगलूरु/दक्षिण भारत/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) को भंग करने और लोकायुक्त पुलिस शाखा की शक्तियों को बहाल करने के उच्च न्यायालय के फैसले के बाद राज्य सरकार की आगे की कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 2018 के घोषणापत्र के आधार पर होगी।
वर्ष 2016 में सिद्दरामैया नीत तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई एसीबी इकाई को भंग करने का वादा भाजपा ने अपने 2018 के चुनावी घोषणापत्र में किया था।
बोम्मई ने कैबिनेट बैठक से पहले कहा, उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को एसीबी के संबंध में अपना फैसला सुनाया। हम अदालत के आदेश में दिए गए दिशानिर्देशों और अपनी पार्टी के घोषणापत्र को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को कैबिनेट में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
यहां संवाददातों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी पार्टी के घोषणापत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा और न्यायमूर्ति केएस हेमलेखा की खंडपीठ का फैसला एसीबी के गठन और उसके बाद 16 मार्च, 2016 के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आया।
याचिका में कहा गया है कि लोकायुक्त पुलिस की शक्तियों को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामलों को दर्ज करने और जांच करने से वापस ले लिया गया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा, श्कार्यकारी आदेशश् के माध्यम से एसीबी का गठन उचित और संवैधानिक नहीं है। तदनुसार, एसीबी को भंग किया जाता है।
अदालत ने कहा कि एसीबी के समक्ष लंबित सभी मामलों को अब लोकायुक्त पुलिस शाखा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने कहा, हालांकि, एसीबी द्वारा अब तक की गई सभी कार्रवाई मान्य होगी।
कांग्रेस सरकार द्वारा 2016 में जारी की गयी दो अधिसूचनाओं को अधिवक्ता संघ बेंगलूरु, चिदानंद उर्स और ‘समाज परिवर्तन समुदाय’ सहित विभिन्न याचिकाकर्ताओं द्वारा चुनौती दी गई थी।