बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के परिवहन मंत्री बी श्रीरामुलु ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2030 तक सभी 35,000 बसों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना है।
मंत्री प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में कांग्रेस विधायक तनवीर सैत द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
श्रीरामुलु ने कहा कि लगभग 35,000 बसें हैं। पर्यावरण और प्रदूषण संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इन्हें इलेक्ट्रिक बनाने की मांग की जा रही है। डीजल के दाम बढ़ने से हमें घाटा हो रहा है। हम चाहते हैं कि हमारी सभी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएं और मुनाफा कमाना शुरू कर दें। इस संबंध में चर्चा चल रही है।
मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि 2030 तक हमारी सभी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएं। हम सभी प्रयास करेंगे ताकि 2030 तक सभी 35,000 बसों को इलेक्ट्रिक में बदला जा सके। उन्होंने कहा कि डीजल बसों की लागत 68.53 रुपए प्रति किमी है।
मंत्री के अनुसार, बेंगलूरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) इलेक्ट्रिक बसें नहीं खरीदता है, लेकिन अनुबंध के आधार पर उनका संचालन कर रहा है।
उन्होंने कहा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बीएमटीसी दिसंबर 2021 से 12 साल के लिए सकल लागत अनुबंध के तहत 90 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर रहा है और इन बसों की प्रति किमी लागत 64.67 रुपए है।
केंद्र सरकार की फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक वाहन योजना के तहत, 300 इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया गया है। उनमें से 75 बसों का संचालन 15 अगस्त, 2022 से शुरू हो गया है। इन बसों की प्रति किमी लागत 61.90 रुपए है। .
इसके अलावा, केंद्र की योजना के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के माध्यम से 921 इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने के लिए 17 अगस्त, 2022 को एक आदेश जारी किया गया है। इन बसों की प्रति किमी लागत 54 रुपए है।