बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु के नागरिक निकाय बीबीएमपी ने मंगलवार को महादेवपुरा क्षेत्र के कई इलाकों में बरसाती नालों पर बने अवैध ढांचों को गिराने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रखा, जो कथित तौर पर बाढ़ का कारण बन रहे थे।
बृहत् बेंगलूरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) ने महादेवपुरा क्षेत्र में शांतिनिकेतन लेआउट में कार्रवाई की।
इस तरह के अतिक्रमण को बेंगलूरु के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी गलियारे और मुख्य सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। कार्रवाई के तहत पॉश इलाके में कुछ बंगलों के हिस्सों को आंशिक रूप से हटाया गया।
अभियान का हिस्सा रहे बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने मंजूरी दे दी है और किसी को भी बख्शने का कोई सवाल ही नहीं है, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो।
इस बीच, राजस्व मंत्री आर अशोक ने संवाददाताओं से कहा कि उनका विभाग बीबीएमपी को अतिक्रमणों की सूची दे रहा है।
अशोक ने कहा, मैंने उपायुक्त, सहायक आयुक्त और तहसीलदारों को निर्देश दिया है कि वे बीबीएमपी के साथ खड़े हों और बड़े लोगों, आम लोगों आदि को देखे बिना उन्हें दस्तावेज मुहैया कराएं और (अवैध) ढांचे को पूरी तरह से ध्वस्त कर दें।
बीबीएमपी ने सोमवार को शहर के कुछ हिस्सों में अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जोर देकर कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीबीएमपी ने महादेवपुरा क्षेत्र में कम से कम 10 स्थानों की पहचान की, जो वर्षा जल के बहाव को रोक रहे थे। इनमें एक प्रमुख निजी स्कूल का भवन, खेल का मैदान और गार्डन शामिल था, जिसने बरसाती पानी की निकासी पर अतिक्रमण किया था।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा, जिस किसी ने भी बरसाती नालों पर ढांचों का निर्माण किया है और बारिश के पानी के बहाव को बाधित किया है, उस पर से अतिक्रमण हटाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिया है।