बोम्मई ने बेंगलूरु में जलभराव के हालात के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया

पिछले कुछ दिनों से बेंगलूरु में हो रही बारिश के कारण बहुत से इलाके जलमग्न हैं और जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है


बेंगलूरु/दक्षिण भारत/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को बेंगलूरु में जलभराव के लिए अप्रत्याशित बारिश के अलावा पिछली कांग्रेस सरकारों के ‘कुशासन’ को भी जिम्मेदार ठहराया है।

बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार ने हर मुश्किल का सामना करते हुए शहर में बारिश से उपजी समस्याओं को दूर करने की चुनौती स्वीकार की है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि भविष्य में फिर ऐसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बेंगलूरु में हो रही बारिश के कारण बहुत से इलाके जलमग्न हैं और जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

बोम्मई ने कहा, कर्नाटक, विशेष रूप से बेंगलूरु में पिछले 90 साल में ऐसी अप्रत्याशित बारिश नहीं हुई थी। सभी टैंक भर गए हैं और उनमें क्षमता से अधिक पानी है। लगातार बारिश हो रही है, हर दिन वर्षा हो रही है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि ऐसी छवि बनाई जा रही है कि पूरे शहर में समस्या व्याप्त है, जबकि ऐसा नहीं है।

बोम्मई ने कहा, वस्तुतः दो जोन में समस्या है, जिनके कुछ कारण हैं, विशेष रूप से महादेवपुरा में, क्योंकि उस छोटे से क्षेत्र में 69 टैंक हैं और सभी भर गए हैं। दूसरा, सभी प्रतिष्ठान निचले इलाकों में हैं और तीसरा यह कि अतिक्रमण हुआ है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी, इंजीनियर और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मी 24 घंटे काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमने बहुत सारे अतिक्रमण हटाए हैं और उन्हें हटाने का काम जारी रखेंगे। हम टैंकों में स्लुइस गेट लगा रहे हैं ताकि उनका बेहतर प्रबंधन किया जा सके। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नियंत्रण कक्ष 24 घंटे, सातों दिन चले।

उन्होंने कहा, हम कई क्षेत्रों से पानी निकालने का काम कर रहे हैं। एक या दो क्षेत्रों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों से पानी निकाल दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने वर्तमान समस्या के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों के ‘कुशासन और अनियोजित प्रशासन’ को जिम्मेदार ठहराया।

बोम्मई ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी झीलों के प्रबंधन के बारे में नहीं सोचा।

उन्होंने कहा, मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया है। मैंने तूफान के पानी को निकालने के लिए नाली बनाने के वास्ते डेढ़ हजार करोड़ रुपए दिए हैं। कुल मैंने तीन सौ करोड़ रुपए जारी किए ताकि सभी अतिक्रमण हटाया जा सके और पक्की संरचना बनाई जा सके और पानी का बहाव अवरुद्ध न हो।

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