बेंगलूरु/दक्षिण भारत/भाषा। बेंगलूरु में सोमवार रात हुई भारी बारिश के बाद मंगलवार को भी कई इलाकों में पानी भरा रहा। कई घरों के अंदर पानी पहुंच गया, जिसके कारण लोगों ने सुरक्षित जगह पर पनाह ली।
मंगलवार सुबह शहर के येमालूर, रेनबो ड्राइव लेआऊट, सन्नी ब्रूक्स लेआउट, मारतहल्ली और अन्य स्थानों पर लोग नाव और ट्रैक्टर से ऑफिस या बच्चे स्कूल जाते नजर आए।
स्कूली यूनिफॉर्म पहने एक छात्रा ने कहा, ‘मैं ट्रैक्टर से आई क्योंकि सड़कें पानी में डूबी हुई हैं। हमारे वाहन भी जलमग्न हैं। कल से मेरी परीक्षा है, इसलिए मुझे स्कूल जाना है।’
ऑफिस जाने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘पानी निकला नहीं है, क्योंकि बीती रात (सोमवार को) फिर से बारिश हुई। असल में मुझे लगता है कि पानी बढ़ गया है। मुझे ऑफिस जाना है, बच्चों को स्कूल जाना है और मैंने आज किसी तरह ट्रैक्टर का सहारा लिया। सरकार से अनुरोध है कि वह कुछ करे, ताकि जनजीवन सामान्य हो सके।’
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अनुसार, राज्य की राजधानी के कुछ क्षेत्रों में एक सितंबर से 5 सितंबर के बीच सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और केआर पुरम में 307 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई।
उन्होंने कहा, पिछले 42 साल में हुई यह सबसे ज्यादा बारिश थी। बेंगलूरु के सभी 164 टैंक लबालब भरे हैं।
कई निजी स्कूलों ने अवकाश घोषित कर दिया है और कुछ दिनों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी, जबकि बहुत से कार्यालयों ने कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति दी है।
आउटर रिंग रोड और सरजापुर रोड के ज्यादातर इलाके, जहां आईटी कंपनियों के कार्यालय हैं, वहां यातायात प्रभावित हुआ।
बोम्मई ने सोमवार रात को वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों की एक बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि बेंगलूरु में बारिश से उपजी वर्तमान स्थिति से निपटने और मूलभूत ढांचे में सुधार के लिए तीन सौ करोड़ रुपए जारी करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से बेंगलूरु के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की एक कंपनी स्थापित करने के वास्ते साढ़े नौ करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।