बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने कहा कि कृषि मेला नवीनतम विकसित तकनीकों का प्रदर्शन करने और कृषि क्षेत्र में आधुनिक विकास के बारे में कृषक समुदाय और संबंधित क्षेत्रों में जागरूकता पैदा करने के वास्ते अनूठा आयोजन है।
उन्होंने शहर के जीकेवीके परिसर में कृषि मेला-2022 का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। कृषि मेला सभी संभावित भागीदारों और प्रौद्योगिकियों को एक स्थान पर एक साथ लाया है।
उन्होंने कहा कि यहां किसान आपस में संवाद कर बहुमूल्य जानकारी और प्रौद्योगिकी प्राप्त कर सकते हैं। इस वर्ष कृषि मेले में कृषि मशीनरी, जैविक खेती, पशुपालन, कटाई के बाद की तकनीकों, एफपीओ, एसएचजी, कृषि संबंधी प्रकाशनों और लाइव फसल प्रदर्शन से संबंधित विशेष आकर्षण हैं।
इस मेले में विश्वविद्यालय ने खाद्य प्रसंस्करण, ऊतक संवर्धन, फसल संरक्षण, सटीक कृषि, कृषि में ड्रोन, विपणन और आपूर्ति शृंखला जैसे कृषि क्षेत्रों में तीस स्टार्टअप को शामिल किया है। विश्वविद्यालय कृषि नवाचार केंद्र के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने और कृषि प्रौद्योगिकी को कृषि व्यवसाय में बदलने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने रोजगार सृजन, कृषि निर्यात और किसानों की आय बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। भारतीय कृषि अभी भी वर्षा पर निर्भर है और कुल फसली क्षेत्र का दो-तिहाई भाग वर्षा आधारित कृषि के अधीन है।
उन्होंने कहा कि प्रति बूंद अधिक उपज प्राप्त करने के लिए कृषि, प्राकृतिक खेती, घरेलू बीजों के संरक्षण आदि में नवीनतम तकनीक पर अधिक विस्तृत शोध करने की आवश्यकता है। कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और वैश्विक शक्ति बनने के लिए भारत को कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण के आधुनिकीकरण पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
जिस तरह हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया, उसी तरह भारतीय कृषि में आईटी क्रांति अगला बड़ा कदम हो सकता है। भारतीय कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए, भारत सरकार और कर्नाटक सरकार ने कृषि को लाभदायक व्यवसाय बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि किसान इन योजनाओं का सदुपयोग करें। मेले में प्रदर्शित नई प्रौद्योगिकियां आगंतुकों, किसानों और व्यापारियों को उन्नत, वैज्ञानिक और लाभदायक कृषि के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने कर्नाटक को समृद्ध बनाने के लिए वैज्ञानिकों, कार्यकर्ताओं और मेहनती कृषक समुदाय को उनके निरंतर और कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण किया। उन्होंने 2021-22 में नई किस्मों और प्रौद्योगिकियों को जारी किया। कृषि विश्वविद्यालय व्यवसायी नियमावली का अनावरण भी किया।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री बीसी पाटिल, कृषि विश्वविद्यालय बेंगलूरु के कुलाधिपति डॉ. एसवी सुरेश, विस्तार निदेशक नारायण गौड़ा, डॉ. केबी उमेश सहित गणमान्यजन उपस्थित थे।