नई दिल्ली। टाटा मोटर्स की सबसे मशहूर और कम कीमत की वजह से खासी सुर्खियां बटोर चुकी नैनो कार का सफर जल्द खत्म हो सकता है। वजह है लगातार बिक्री में कमी। बीते जून माह में कंपनी ने सिर्फ एक कार का उत्पादन किया, इसलिए गाड़ी के उत्पादन के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहीं। ऐसे में चर्चा है कि बहुत जल्द नैनो सिर्फ इतिहास का हिस्सा बनकर रह जाएगी। हालांकि कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
करीब नौ साल पहले देश की सबसे सस्ती कार निकालकर टाटा ने कई दिग्गजों को चौंका दिया था। यह टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट था। शुरुआती दौर में लोगों ने इसमें काफी दिलचस्पी दिखाई। इससे कंपनी को मुनाफा भी हुआ, लेकिन अब परिस्थितियां इसके उलट हैं। नैनो की मांग का ग्राफ एकदम नीचे गिर गया है। इसलिए कंपनी ने इसके उत्पादन में कटौती शुरू कर दी।
कभी आम भारतीय के सपनों की ‘लखटकिया कार’ के नाम से मशहूर हुई नैनो से अब ग्राहक मुंह मोड़ने लगे हैं। जून 2018 में जहां एक कार का उत्पादन हुआ, वहीं जून 2017 में कंपनी ने 275 कारें बनाई थीं।
बिक्री के आंकड़ों में भी नैनो के हाथों से मैदान निकलता गया। जून 2018 में कंपनी ने सिर्फ तीन नैनो कार बेचीं। जून 2017 में बिक्री का आंकड़ा 167 था। हालांकि पिछले साल भी ये आंकड़े ज्यादा उत्सावर्धक नहीं थे। एक साल में ही नैनो की बिक्री में तेजी से आई गिरावट कई सवाल खड़े करती है। क्या आम मध्यम वर्ग अब कार खरीदने से पहले कम कीमत को उतनी प्राथमिकता नहीं देता, जितनी वह एक या दो दशक पहले देता था?
नैनो ने 2012 में सुनहरा दौर भी देखा था, तब कंपनी ने एक साल की अवधि में 74,524 कारें बेचीं। 2015 में इसका अपडेटेड GenX वर्जन काफी पसंद किया गया था। उसके बाद का दौर नैनो के लिए अच्छा नहीं रहा और निकट भविष्य में यह पूरी तरह बंद हो सकती है।