वैश्विक संकेतों, आर्थिक आंकड़ों, कंपनियों के वित्तीय परिणाम से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा

वैश्विक संकेतों, आर्थिक आंकड़ों, कंपनियों के वित्तीय परिणाम से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा

शेयर बाजार

नई दिल्ली/भाषा। वैश्विक संकेतों, वृहद आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के चौथी तिमाही के कमाई के आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक चुनावी मौसम को देखते हुए अनिश्चितता की स्थिति बनी रह सकती है और निवेशक सतर्कता का रुख बनाए रख सकते हैं।

पिछले सप्ताह अमेरिका एवं चीन के व्यापारिक रिश्तों में तनाव का नकारात्मक असर शेयर बाजारों पर देखने को मिला था।

सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक और सीईओ जिमीत मोदी के मुताबिक, इस साल शेयर बाजारों की चाल तीन चीजों पर निर्भर करती है। सबसे पहले तो अमेरिका-चीन के बीच की तनातनी। राजनीतिक नतीजे एवं तिमाही परिणाम। इनमें से किसी भी एक चीज का असर बाजार के रुख पर देखने को मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि कंपनियों के तिमाही नतीजों से ज्यादा असर व्यापार युद्ध और चुनावों का देखने को मिलेगा। मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे इनसे जुड़ी गहमागहमी बढ़ेगी, अनिश्चितता के स्तर में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

विशेषज्ञों के मुताबिक इस सप्ताह मुद्रास्फीति दर की घोषणा की जाएगी, जो बाजार के रुख के लिहाज से काफी अहम साबित होगी। मौजूदा आम चुनाव के लिए सातवें और अंतिम दौर का मतदान 19 मई को होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी।

एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, लोकसभा चुनाव खत्म होने के कगार पर है। यह पहले से अनिश्चितता का एक कारक रहा है, लेकिन अब व्यापार युद्ध एवं वैश्विक संकेतों ने उस चीज को काफी हद तक बढ़ा दिया है।

इस सप्ताह आईटीसी, एचडीएफसी लिमिटेड, ल्यूपिन, बजाज ऑटो और हिंडाल्को के तिमाही परिणाम आने वाले हैं। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर में कमी का असर भी देखने को मिल सकता है।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 1,500.27 अंक यानी 3.85 प्रतिशत की भारी गिरावट आई और यह शुक्रवार 37,462.99 अंक पर बंद हुआ।

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