नई दिल्ली/भाषा। बजट से पहले होने वाली परामर्श प्रक्रिया इस सप्ताह शुरू होने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सिलसिले में 11 जून से 23 जून के बीच अर्थशास्त्रियों, बैंक अधिकारियों, वित्तीय संस्थानों तथा उद्योग मंडलों से मुलाकात करने वाली हैं। सभी राज्यों के वित्त मंत्री भी 20 जून को जीएसटी परिषद की होने वाली बैठक में बजट को लेकर अपने सुझाव दे सकते हैं।
सीतारमण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली हैं। उन्हें अपने पहले बजट में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती गैर-निष्पादित परिसंपत्ति, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की चुनौतियां, रोजगार सृजन, निजी निवेश, निर्यात में सुधार, कृषि संकट तथा सरकारी निवेश में वृद्धि जैसी चुनौतियों पर राजकोषीय स्थिति पर असर डाले बिना काम करना होगा।
वित्त मंत्री प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्यों के साथ बैठक कर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर उनसे राय लेंगी। इस बैठक के साथ ही बजट पूर्व परामर्श की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इस पखवाड़े के दौरान सीतारमण कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों, बैंक तथा वित्तीय संस्थानों और उद्योग मंडलों से मुलाकात कर सकती हैं। वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट पांच जुलाई को पेश होने वाला है। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय पहले ही उद्योग मंडलों से परामर्श कर चुके हैं।