नई दिल्ली/भाषा। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई महीने में एक लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। पिछले साल मई में जीएसटी के मद में 94,016 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी थी। मई में जीएसटी संग्रह 1,00,289 करोड़ रुपए रहा। यह अप्रैल 2019 के 1,13,865 करोड़ रुपए के जीएसटी संग्रह की तुलना में कम है। अप्रैल में जीएसटी संग्रह माल एवं सेवा कर व्यवस्था लागू होने के बाद अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व संग्रह है।
यह लगातार तीसरा महीना है, जिसमें जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया है। मार्च 2019 में 1.06 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। मई महीने में कुल 72.45 लाख संक्षिप्त बिक्री रिटर्न जीएसटीआर -3 बी जमा किए गए। यह अप्रैल में दाखिल किए गए 72.13 लाख रिटर्न की तुलना में अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, मई महीने में कुल जीएसटी संग्रह 1,00,289 करोड़ रुपए रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 17,811 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 24,462 करोड़ रुपए, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 49,891 करोड़ रुपए और उपकर संग्रह 8,125 करोड़ रुपए रहा।
मंत्रालय ने बताया कि फरवरी-मार्च 2019 के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 18,934 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि मई 2019 में जीएसटी संग्रह 2018-19 में हुए औसत मासिक जीएसटी राजस्व (98,114 करोड़ रुपए) से 2.21 प्रतिशत अधिक है और मई 2018 के जीएसटी राजस्व से 6.67 प्रतिशत अधिक है।
मई 2019 के दौरान, सरकार ने नियमित निपटान के रूप में सीजीएसटी को 18,098 करोड़ रुपए और आईजीएसटी से सीजीएसटी को 14,438 करोड़ रुपए दिए हैं। मंत्रालय ने कहा कि मई 2019 में नियमित निपटान के बाद केंद्र सरकार और राज्यों का अर्जित कुल राजस्व क्रमश: (सीजीएसटी के लिए) 35,909 करोड़ रुपए और (एसजीएसटी के लिए) 38,900 करोड़ रुपए रहा।
केंद्र ने 2019-20 वित्त वर्ष में सी जीएसटी से 6.10 लाख करोड़ रुपए और क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में 1.01 लाख करोड़ रुपए एकत्र करने का लक्ष्य रखा है। आईजीएसटी 50,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2018-19 में सीजीएसटी संग्रह 4.25 लाख करोड़ रुपये तथा क्षतिपूर्ति उपकर 97,000 करोड़ रुपए से अधिक था।
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